श्री नागर और श्री सोढ़ी होंगे जीवन गौरव सम्मान से सम्मानित लघुकथा पर नए युग के विमर्श के साथ प्रदेशभर से आए लघुकथाकार करेंगे लघुकथा पाठ इन्दौर। हिन्दी और उसकी विधाओं के प्रचार के लिए कार्यरत मातृभाषा उन्नयन संस्थान हिन्दी महोत्सव 2025 के अन्तर्गत शुक्रवार को प्रेस क्लब में दोपहर […]

कालजयी साहित्यकार पुण्यस्मरण का १२६ वा आयोजन. इंदौर । भाषा बोलन जानई, जिनके कुल के दास । तेहि भाषा कविता करी, जईमति केशवदास।। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इंदौर द्वारा कालजयी साहित्यकार पुण्यस्मरण श्रृंखला १२६ में आज ओरछा नरेश वीरसिंह के राजकवि और संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान कवि केशवदास […]

कोई रचना कभी कोई फैसला नहीं देती इन्दौर। विगत दो दशकों में कहानी और उपन्यास ने कईं अप्रत्याशित मोड़ लिए हैं यह भारतीय वाग्मय के लिए अभूतपूर्व घटना है। ऐसे बदलाव के मध्य सदा प्रासंगिक रहने वाले विषय पर आया यथार्थपरक संग्रह हिंदी में कथा साहित्य के वर्चस्व की पैरवी […]

अब हिन्दी में हस्ताक्षर करेंगे छात्र सनावद। निमाड़ की सुप्रसिद्ध तहसील सनावद स्थित टॉपर्स टेम्पल इंस्टिट्यूट में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हस्ताक्षर बदलो अभियान संचालित कर छात्रों एवं शिक्षकों को हिन्दी में हस्ताक्षर करने का संकल्प दिलवाया गया। हिन्दी साक्षरता कार्यक्रम के दौरान संस्थान के प्रतिनिधि लोकप्रिय निमाड़ी कवि पारस […]

मन के आनंद की अवस्था ही परमानंद- श्री सत्तन इंदौर। ‘अक्षरों की साधना ही निर्वाण का कारण है और मन की संतुष्टि देती है, उसी मन के आनंद की अवस्था ही परमानंद है। साहित्य यही परमानंद का कारण है। इसीलिए परमानंद दास का साहित्य कालजयी हो गया।’ यह बात श्री […]

चतुर्भुजदास माधुर्यभाव के कवि रहे इन्दौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में मंगलवार को आयोजित कालजयी साहित्यकार स्मरण शृंखला में अष्टछाप के कवि चतुर्भुजदास का स्मरण किया गया। कार्यक्रम में कवि परिचय साहित्य मंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने दिया। उन्होंने बताया कि कुम्भनदास के पुत्र और सखा भाव से कृष्ण […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।