हमारे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केरल में वही बात कह दी,जो मैं अपने भाषणों में अक्सर कहा करता हूं। वे हमारे शायद ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं,जिन्होंने हमारी न्याय-व्यवस्था की सबसे गंभीर बीमारी पर उंगली रख दी है। उन्होंने केरल उच्च न्यायालय की हीरक जयंती के अवसर पर कहा कि,-अदालत के […]

पूरी दुनिया में लोगों को इन्साफ उनकी भाषा में ही मिलता है। हमारे देश में भी राजाओं-महाराजाओं के जमाने से यही होता रहा है। अगर भारत पर विदेशी सत्ता कायम नहीं होती तो,अब भी यही हो रहा होता,पर शायद हम दुनिया जैसे नहीं हैं। विदेशी दासता से मुक्त होने पर […]

‘कौन हूँ मैं’???,कितनी सहजता से हम इसे यत्र-तत्र चिंतन के विषय रूप में प्रस्तुत कर देते हैं। सत्य तो यह है कि, ये विषय है ही नहीं,अपितु ऐसा यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर तलाशते-तलाशते सदियाँ ही नहीं,अपितु न जाने कितने युग बीते हैं। कहते हैं कि जो इस प्रश्न का […]

 फिल्मी `दंगल` के कोलाहल से काफी पहले बचपन में सचमुच के अनेक दंगल देखे। क्या दिलचस्प नजारा होता था। नागपंचमी या जन्माष्टमी जैसे त्योहारों पर मैदान में गाजे-बाजे के बीच झुंड में पहलवान घूम-घूमकर अपना जोड़ खोजते थे। किसी ने चुनौती दी तो हाथ मिलाकर हंसते-हंसते चुनौती स्वीकार किया। फिर […]

अमरीका में रहने वाले अफगानियों की सबसे बड़ी जनसंख्या हमारे फ्रीमोंट शहर में है। जब मैं कहीं आने-जाने के लिए टैक्सी बुलवाता हूं तो कई बार अफगान चालकों से मुलाकात हो जाती है। आज भी ऐसा ही हुआ। मुझे किसी काम से एक सरकारी कार्यालय में जाना पड़ा। कैब में […]

 साल पहले जब टीवी धारावाहिक के कारण पहचाने जाने वाले गजेंद्र चौहान को फिल्म एन्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) का अध्यक्ष बनाया गया था,तब फिल्मी दुनिया ही नहीं,अन्य क्षेत्रों से भी इस नियुक्ति पर आश्चर्य और विरोध व्यक्त किया गया था। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अब अनुपम खैर को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।