रामलाल और गोपाल ने एक दूसरे के गिलास को शाही अंदाज में टकराया और उक ही सांस में खाली कर दिया ‘‘साली बहुत कड़वी है…….देशी है न ….’’ कहते हुए वह हंसा । अब हमारे पास चखना तो है नहीं…..ये लो जामुन की पत्ती को ही चबा लो…..मैंने इसे तोड़कर […]
लघुकथा
लघुकथा