बारात बिदा की व दमयन्ती अपने नए घर यानि ससुराल में प्रविष्ट हुई,जहाँ सभी ने उत्साह से स्वागत किया। दमयंती को दूसरे दिन ही देवरानी मिल गई,यानि दोनों शादियां एक साथ हुई थी। समय का चक्र चलता रहा। दमयंती के आने के बाद से ही सत्यव्रत को एक के […]
लघुकथा
लघुकथा