मोबाइल फोन पर हरेलाल गिड़गिडाये जा रहे थे | उनकी आँखों में आये आँसू और मुरझाये चेहरे, सूखे होठों से साफ पता चल रहा था कि हरेलाल पर दिन दहाडे बिजली गिरी है | चौका (गांव की रसोई) में बैठी हरेलाल की धर्मपत्नी शरबती देवी को भी आभास हो गया, […]

        रमेश की मां इन दिनों बहुत खुश है 55 साल की आयु में बेटे के यहाँ बच्चे होने की खुशी में रमेश की मां बहुत खुश है और धरती पर अपने पोते पोती के आने के इंतजार में अपनी खुशी सभी से बांट रही है।   […]

                 वह बड़े तन्मय भाव से हरे – भरे विराट वृक्ष के नीचे खड़ा हो उसे निहार रहा था । उसके क़रीब से गुज़रते हुए मेरे पाँव उसकी इस मुग्ध दृष्टि को देखकर ठिठक गए ।              ” […]

* *प्र* गति को उसकी भाभी दिव्या ने करण का मोबाइल नंबर लाकर दिया। दिव्या चाहती थी कि प्रगति स्वयं करण से बात करे। बाहर जाकर मिले-जुले ताकी दोनों के परस्पर विचार सांझा हो सके। वे दोनों एक-दूसरे के विषय में अधिक से अधिक जाने, जिससे विवाह उपरांत कोई परेशानी न […]

रेल गाडी के सफर मे, किन्नरो का होना कोई नयी या बड़ी बात नहीं. लेकीन उस किन्नर की बात ही कुछ और थी,जो दिल को छू गयी। भिडसे खचाखच भरे रेल के डिब्बे मे पाव धरने को भी जगह न थी. धुपकाले की धूप भी सर पर आग बनकर बरस […]

तेज रफ़्तार दुनिया में किसी के पास वक्त ही नहीं रहा कि संबंधों का निर्वाह कर सके।दोस्ती के दायरे सिमटकर रह गए हैं।मित्रों के पास भी बाँटने को शेष है तो कुंठाएँ। इन्सान अपना मन कैसे हल्का करे ?कहाँ से बटोरे वो शक्ति जो उसे निराश न करे । सही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।