किस के लिए संवर रहीं हो तुम, अपने आप में निखर रही हो तुम। तेरा भंवरा तो आ चुका है तेरे ही पास, फिर फूल बनकर क्यों बिखर रही हो तुम। दिल से कहो धड़कना बन्द कर दे, फिर इतना क्यों डर रही हो तुम। राहों में जब खुद खड़ा […]

गुलाब हो या मेरा या उसका तुम हो दिल। तुम ही बतला दो अब ये खिलते गुलाब जी।। दिल में अंकुरित हो तुम। इसलिए दिलकी डालियों, पर खिलाते हो तुम। गुलाब की पंखड़ियों कि, तरह खुलते हो तुम। कोई दूसरा छू न ले, इसलिए कांटो के बीच रहते हो तुम। […]

रघुकुल वंश शिरोमणी, मनुज राम अवतार। मर्यादा पुरुषोत्तमा,कहत है कवि विचार।। जै जै जै प्रभु जय श्रीरामा। हनुमत सेवक सीता वामा।।1 लछमन भरत शत्रुघन भ्राता। मां कौशल्या दशरथ ताता।2 चैत शुक्ल नवमी सुखदाई। दिवस मध्य जन्में रघुराई।।3 नगर अवध में बजी बधाई। नर नारी गावे हरषाई।।4 दशरथ कौशल्या के प्राणा। […]

जन्म तभी होगा यह सफल माता पिता का रखे जब ध्यान स्वर्ग उन्ही के चरणों में होता दुआओ से उनकी हो कल्याण सुसंस्कार के धनी बन जाओगे बड़ो के आज्ञाकारी बन जाओगे जब चरित्र से महान बन जाओगे तब जग भी करेगा आपका मान अंतरात्मा की सुनो यह आवाज सफलता […]

ज़रा सी दोस्ती कर ले.., ज़रा सा साथ निभाये। थोडा तो साथ दे मेरा …, फिर चाहे अजनबी बन जा। मिलें किसी मोड़ पर यदि, तो उस वक्त पहचान लेना। और दोस्ती को उस वक्त, तुम दिल से निभा देना।। वो वक़्त वो लम्हे, कुछ अजीब होंगे। दुनिया में हम […]

अधिक इच्छाये करना नही तनाव का कारण बनना नही जो इच्छाओ पर लगाम लगाये वही महान संत कहलाये इच्छाओ को कभी बढ़ने न दो महत्वकांक्षी स्वयं को होने न दो इच्छा ही तो पथभृष्ट बनाती है अपनो को भी गैर बनाती है लक्ष्य अगर हो सद उन्नति का स्वयं की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।