तेरे साथ जो, बीते हैं पल मेरे.. वो याद दिलाते हैं तेरी चाहत की खुशबू….। भोर की सुबह हो, या रात की गहरी चादर.. मेरी दुनिया रंग-बिरंगी तेरी यादों से रोशन…..। खुशबू तेरी यादों की, महक उठी मानो जैसे.. कोई अल्हड़ दीवानी, खेलती हो रंगों से होली….। #सुबोध कर्णिक परिचय […]
काव्यभाषा
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