राष्ट्र का हित ही छोड दिया सरकार वालों ने, जबसे जमीर बेच दिया है अख़बार वालों ने। बिकने लगे 500-हजार मे जबसे अधिकारी, हर चीज मे मिलावट कर दी बाजार वालों ने। लैला मजनू,हीर रांझे के किस्से नही मिलेंगे, आशिकी को बदनाम कर दिया प्यार वालों ने। अब तलक मेरी […]
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अध्यात्म-चेतना के प्रतीक, भारतमाता मन्दिर से प्रतिष्ठापक ब्रम्हानिष्ठ स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज वर्तमान युग के विवेकानन्द थे । 26 वर्ष की अल्प आयु में ही शंकराचार्य-पद पर सुशोभित हुए और दीन-दुखी, गिरिवासी, वनवासी, हरिजनों की सेवा और साम्प्रदयिक मतभेदों को दूर कर समन्वय-भावना का विश्व में प्रसार करने के […]
