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राष्ट्र का हित ही छोड दिया सरकार वालों ने,
जबसे जमीर बेच दिया है अख़बार वालों ने।
बिकने लगे 500-हजार मे जबसे अधिकारी,
हर चीज मे मिलावट कर दी बाजार वालों ने।
लैला मजनू,हीर रांझे के किस्से नही मिलेंगे,
आशिकी को बदनाम कर दिया प्यार वालों ने।
अब तलक मेरी कब्र पर घास उग गई होती,
अगर सहारा ना दिया होता बीयरबार वालों ने।
संजय अश्क,पुलपुट्टा बालाघाट(मप्र)
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