भारत के एक मात्र गवर्नर जनरल, मद्रास राज्य के मुख्यमंत्री, प.बंगाल के प्रथम राज्यपाल, भारत के गृहमंत्री, प्रतिष्ठित वकील, लेखक और भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सर्वप्रथम सम्मानित चक्रवर्ती राजगोपालाचारी( 10.12.1878- 25.12.1972) द्वारा दक्षिण में हिन्दी की प्रतिष्ठा के लिए किए गए ऐतिहासिक कार्य सदा स्मरण किए […]

दिल्ली। साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक और कवि मंगलेश डबराल का बुधवार 9 दिसंबर 2020 को निधन हो गया है। कोरोना संक्रमित होने के बाद उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। गाजियाबाद के वसुंधरा के एक निजी अस्‍पताल में उनका इलाज चल रहा था। मंगलेश डबराल […]

सुना है तेरे शहर की आबोहवा शैतान बन गई, शाहीन बाग़ की लोमड़ियां अब किसान बन गई। मिली नहीं कोई जगह जब किसी शहर में उनको, दिल्ली शहर में आकर जबरदस्ती मेहमान बन गई। घुसने नहीं दिया जब किसी मंदिर मस्जिद मे उनको, किसानों के बीच बैठ कर उनकी भगवान […]

आज वैश्वीकरण और उदारीकरण की नीतियों के तहत उपभोक्तावाद का बुरा प्रभाव युवाओं को पड़ा है । लड़कियां चाहे या ना चाहे उन्हें एक न एक दिन इस बाजार का हिस्सा होना पड़ेगा। एक तरफ वे अपनी जम्हूरियत नागरिक एक कर्ता के रूप में समाजयात पहचान बनाने की लड़ाई लड़ […]

मैं नारी हूं मैं नारी की , करुण व्यथा सुनाती हूं। हजारों दर्द सहकर भी, सदा मैं मुस्कुराती हूं। मैं नारी हूं…… मां की कोख से मेरा , सुनो जब से हुआ उदगम। ना पाया है सुकून मैंने, पिए हैं आंसू ही हरदम। मैं नारी हूं……….. खबर सुनकर बेटी की, […]

सड़क पर किसानों का डेरा है किसानों की जिंदगी में अंधेरा है कृषि कानूनों पर विश्वास नही फ़सल का मिलता वाज़िब दाम नही न्यूनतम मूल्य प्रावधान लाओ किसान का भविष्य सुरक्षित बनाओ किसान की आवाज़ सुननी ही होगी सरकार को गर्दन झुकानी ही होगी सरकार को मनमानी भारी पड़ेगी गुस्से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।