वर्ष और घर-द्वार बदलते देखें हैं जां से प्यारे यार बदलते देखें हैं। देखा है दिल पे कुछ होठों पे कुछ पल-पल किरदार बदलते देखें हैं। नफ़रत देखी,देखा हमने प्यार चेहरे सौ-सौ बार बदलते देखें हैं। हर बार उसे अपना समझा जाना लेकिन बारम्बार बदलते देखें हैं। मुझे तोड़कर वो […]

जो कभी नही देखा था वह सब देखना पड़ा इस 2020 के साल में कोरोना को झेलना पड़ा जीवन भारी सा हो गया कई अपनो को ले गया सबके सब अछूत हुए हाथ मिलाना पाप हुआ गले लगाना अभिशाप हुआ चेहरा मास्क में ढक गया पहचानना मुश्किल हो गया मेले […]

स्वागतम, स्वागतम,नए साल का, आया मेहमान फिर से एक साल का। स्वागतम ,स्वागतम…………. रंगोली बनाएं हम प्यारी प्यारी, फूलों से सजाएं हम गलियाँ सारी, करना स्वागत है हमको नए साल का। स्वागतम स्वागतम………….. स्वागतम, स्वागतम,नए साल का, आया मेहमान फिर से एक साल का। स्वागतम ,स्वागतम…………. पूड़ी पकवान घर में […]

जो कभी नही देखा था वह सब देखना पड़ा इस 2020 के साल में कोरोना को झेलना पड़ा जीवन भारी सा हो गया कई अपनो को ले गया सबके सब अछूत हुए हाथ मिलाना पाप हुआ गले लगाना अभिशाप हुआ चेहरा मास्क में ढक गया पहचानना मुश्किल हो गया मेले […]

जा करती हूँ मैं कट्टी, तुझसे 2020। तूने ना बजने दीं है, स्कूलों की घंटी। निकला बड़ा बेदर्दी , तू तो 2020, कोरोना से हाथ मिला, खेला तूने 2020। बेज़ार किए विद्यालय, तूने 2020। दया ना आई तुझको, ज़रा भी 2020। कक्षाएं सूनी कर डाली, तूने 2020। मैदानों की हंसी […]

कृषकों, मजदूरों और आमजनों की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ आम आदमी की तरह सहज, सरल-शैली, व्यक्तित्व और जन-रागात्मकता से युक्त ठेठ देशी अंदाज में अपनी बात रखने वाले गौरीशंकर बिसेन का बचपन से ही गांव की माटी व शहरों की गलियों से गहरा नाता रहा। शोषित, वंचित और पीड़ितों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।