जा करती हूँ मैं कट्टी,
तुझसे 2020।
तूने ना बजने दीं है,
स्कूलों की घंटी।
निकला बड़ा बेदर्दी ,
तू तो 2020,
कोरोना से हाथ मिला,
खेला तूने 2020।
बेज़ार किए विद्यालय,
तूने 2020।
दया ना आई तुझको,
ज़रा भी 2020।
कक्षाएं सूनी कर डाली,
तूने 2020।
मैदानों की हंसी उड़ाई,
तूने2020।
डस्टर को खूब रुलाया ,
तूने 2020।
चाक को भी खूब सताया,
तूने 2020।
पढ़ना लिखना बच्चे भूले,
देखो 2920,
ना लगने दिए हैं मेले कोई,
तूने 2020।
मोबाइल की लत लगा दी
तूने 2020।
कॉपी पेन से दूरी बढ़ा दी,
तूने 2020।
शिक्षकों की क्लास लगाई,
तूने 2020।
दीक्षा,निष्ठा,प्रेरणा सिखाई,
तूने2020।
सैनिटाइजर मास्क बांटे,
तूने 2020।
ना गले किसी को लगया,
तूने 2020।
दुश्मनी तूने खूब निभाई,
तूने 2020।
सपना समझ भूल गई मैं,
तुझको 2020।
जा मैं ना याद करूँगी,
तुझको 2020।
मत आना दोबारा सुन,
तू अब 2020।
स्वरचित
सपना (स. अ.)
जनपद – औरैया