ऊंचे से ऊंचा सोचती है आज घर मे बेटियां चढ़ती कैरियर सोपान पढ़लिखकर बेटियां मां का घर मे हाथ बटाती खिलखिलाती बेटियां पराई नही अपनी है वे ब्याह बाद भी बेटियां बुढापे का सहारा बनती आज खुलकर बेटियां बेटों से अधिक भरोसेमंद आज अपनी बेटियां।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 371

बेटी दिवस के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी आयोजित इंदौर। कविता के माध्यम से हिन्दी भाषा का प्रचार करने के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा रविवार को स्थानीय अभिनव कला समाज, गाँधी हॉल परिसर में दमोह की कवयित्री पलक जैन को भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान स्टेट […]

ओड़िशा के कटक में 23 जनवरी 1897 को जन्मे, कटक और कलकत्ता में पले-बढ़े, पिता की इच्छापूर्ति के लिए मात्र 23 वर्ष की आयु में आईसीएस पास करने वाले किन्तु अंग्रेजों की चाकरी करने को तैयार न होने के कारण उससे त्यागपत्र देने वाले, आजादी के लिए लड़ते हुए ग्यारह […]

नील की खेती में कुछ गधे एक घोड़ी के साथ घुसकर खच्चरों की संख्या बढ़ाने की कोशिशों में फसल का सत्यानाश कर रहे थे। जिस सिपाही को वहाँ की देखभाल के लिए तैनात किया गया था उसे दफेदार के आदेश के बगैर अपनी मर्जी से कुछ करने पर मनाही थी। […]

हर दिन हमारा शुभ है जब तक रहे प्रभु याद प्रभु ही है पिता हमारे फिर क्यो करे फरियाद पालन पोषण करते प्रभु रखते हमारा ख्याल जन्म से पहले कर देते प्रभु भूख का इंतजाम हवा,पानी,अन्न,आश्रय दिया प्रभु ने हमे उपहार चाहिए ओर क्या हमको बस करे प्रभु से प्यार […]

नेता जी सुभाषचंद्र बोस जयंती विशेष है नमन तुम्हें नमन , नेता जी तुम्हें नमन। माँ भारती के लाल को, शत शत बार है नमन। रग रग में देशभक्ति की, रसधार है बहे। सुभाष तेरी वीरता का, कोई सार क्या कहे? ना रास आई तुमको, गुलामी देश की। की कल्पना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।