समस्या में समाधान ढूढना मौकापरस्तों की फितरत होती है, चाहे मौका कुछ भी हो ऐसे लोग अपनी कुत्स‍ित महारत दिखाई देते है। बदस्तुर आज सारा विश्व कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है, लोग बेमौत मारे जा रहे है, इस बीच कुछ सूझ नहीं रहा है। उसमें से एक उम्मीद की […]

मीरा की आंखों से अश्रुप्रवाह जारी है । सूरदास जी की आंखों से अश्रु प्रवाह जारी है । राधा के नयन भी बरस रहे हैं और गापियों की विरह वेदना आह बनकर निकल रही है । ये वो दृश्य हैं जो प्रेम को नई उंचाईयो देते हैं । स्वार्थ रहित […]

दुनिया करती है उस राष्ट्र का सम्मान जिसके पास होता है अपना संविधान जनता में समाहित होती है जब सत्ता तब किसी देश का गणतंत्र है बनता भारत भी हुआ था तब पूर्ण स्वतंत्र मनाया था इसने जब दिवस गणतंत्र स्वतंत्रता से भी अधिक करनी पड़ी थी प्रतीक्षा भेदभाव भुलाकर […]

दिल करता है मेरा, जिंदगी तुझे दे दू। जिंदगी की सारी खुशी तुझे दे दू। दे दे अगर तू मुझे, भरोसा अपने दिलका। यकीन करले तू मेरा, दे दूंगा अपनी साँसे।। दिया है अब तक साथ, आगे भी उम्मीद रखता हूँ। तेरे जैसे दोस्त को, अपने दिलमें रखता हूँ। और […]

आजादी के झंडे को हम , आत्मविश्वास से फहराएंगे , जीवन की उपलब्धियों को हम , देश के नाम करायेंगे , संविधान के अनुच्छेदों को , शब्द-शब्द हम देश के काम लाएंगे , आजादी के लहू को हम , जीवन भर याद रखेंगे , 26 जनवरी को शपथग्रहण कर , […]

पाकिस्तानी उर्दू अखबार जमींदार के सम्पादक मौलाना जफ़र अली खाँ ने एक बार किसी नौसिखिये शायर से आज़िज़ होकर उसे समझाते हुए कहा था- तोड़ता है शायरी की टांग क्यों ऐ बेहुनर, शेर कहने का सलीका सीख मेला राम से। सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में दीपोके गाँव में 26 जनवरी 1895 […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।