उम्मीदों के भँवर जाल में फँसकर मानव, सपनों के अगणित तानों को तुड़प रहा है। चंचल इन्द्रिय पर संयम के अंकुश डाले, हृदि सरगम में प्रिय गानों को तुड़प रहा है। द्वेष दम्भ माया मद मत्सर दुर्विचार पर, दुनिया में नव सृजन कराती भी उम्मीदें- उम्मीदों से होता जीवन का […]