जिनको मिलता है बडो का आशीर्वाद वे पार तर जाते है जो करते है बडो की उपेक्षा वे कष्ट बहुत पाते है बुजुर्गों की सेवा नारायण सेवा बुजुर्गों का मान ईश्वरीय अधिमान माता पिता ही भगवान है घर के जो उनके चरणों मे जीवन बिताते है वे प्रभु के प्यारे […]

चार रोटी हजम कर लेते हो तो। किसी की चार बातें भी हजम करना सीखो। कह गये कड़वे शब्दो पर मौन रहकर विचार करो। और समय का इंतजार करो उन्हें अपनी की करनी का फल इसी भव में मिल जायेगा। इसलिए अपनी शक्ति को यू ही बर्बाद मत करो।। अमीरी […]

दरवाजे की घंटी ने गायत्री मंत्र के मधुर घ्वनि से सारे घर को गुंजायमान कर दिया था । यह घंटी अब कभी-कभी ही बजती है पर जब बजती है तो सारे घर को देवालय बना देती है । मैंने बड़ी ही उत्सुकता से दरवाजा खोला था । दरवाजा खोलते ही […]

“क्षेत्रीय बोली आत्मनिर्भरता की पहचान दिलाती है”-नीर नवीन कुमार भट्ट नीर:- साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा बोली विकास मंच पर आयोजित बोली संवर्धन ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन 07 फरवरी 2021 शाम 07 बजे आयोजित किया गया कार्यक्रम के शुभारंभ में मां वीणापाणि को फूल,माला दीप जलाकर वंदना की गई इस […]

काव्य वही जो दिशा दिखाए, सरल भाव औ शब्दों से, महक उठे और महकाये जो कण-कण को स्पर्शों से, पहुंचे जन-जन के हृदय तक, नित्य जलाए नवीन चिराग युवा-बच्चे-वृद्ध सबों को, रंग दिखाएं जीवन के… भावनाएं शब्दों के बंधन में बंधी नहीं होती – शब्दों के जाल से नहीं, हृदय […]

प्रकृति ने ली अंगड़ाई है पहाड़ में फिर तबाही है ग्लेशियर फिर से पिघल गए टुकड़ो टुकड़ो में बिखर गए सैकड़ो जाने चली गई प्रकृति के हाथों छली गई एक दिन पहले से हलचल थी ग्लेशियर फटने की तड़पन थी बस, हम ही नही समझ पाए अपनो की जान नही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।