मेरा जीवन आधार हो तुम मेरे ईश्वरीय अवतार हो तुम पहली शिक्षक मां प्रकाशवती संस्कारो को दी मां ने गति पिता मदन लाल कर्मयोगी रहे जीवन सन्मार्ग दिखाते रहे अभाव में कभी हार न मानी कठिन परिश्रम थी जिंदगानी ईमान से जीने का पाठ पढ़ाया माया से कभी न मन […]

कलमकार हम भारत के, कुछ रोज नया रचाएंगे। कलम की ताकत से हम, भ्रष्टाचार मिटाएंगे। सच्चाई की कलम हमारी, और रक्त की स्याही है। जग के सारे दुष्टों को, नागिन सी डसने आई है। दोधारी तलवार है ये, गुस्सा ,प्यार जताने आई है। हर सुख दुःख में सबका, साथ निभाने […]

आज सोशल मीडिया हर आमोखास के लिए केवलअपनी बात मजबूती के साथ रखने का एक शक्तिशाली माध्यम मात्र नहीं रह गया है बल्कि यह एक शक्तिशाली हथियार का रूप भी ले चुका है। देश में चलने वाला किसान आंदोलन इस बात का सशक्त प्रमाण है। दरअसल सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर […]

जिहादियों की आक्रामकता पर हिन्दू समाज मूक नहीं रह सकता, उठाने होने प्रभावी कदम नई दिल्ली। श्री राम मंदिर के पवित्र निधि समर्पण अभियान से जुड़े रामभक्त युवक रिंकू शर्मा की निर्मम हत्या से छुब्द विश्व हिन्दू परिषद का एक उच्चस्तरीय दल मृतक के परिजनों से मिलने आज दिल्ली के […]

जीवन के है तीन आधार भूत भविष्य और वर्तमान। जीना सबको पड़ता है इन्हीं तीनो कालो में। भूत बदले भविष्य बदले या बदले वर्तमान। फिर जीना पड़ता है इन्हीं कालो के साथ।। किसके भाग्य में क्या लिखा ये तो भाग्य विधाता जाने। पर मैं जो कुछ भी करता अपनी मेहनत […]

वह गीत है जिसमें लगी है सभी की प्रीत आते ही जिसके खिल जाते हैं कोमल पुष्प महक उठते हैं उपवन झूम उठते हैं सभी के मन मौसम- बन जाता है सुहावना नूतन सौन्दर्य छा जाता है चहुं ओर कई तरह के सतरंगी पुष्प खिलकर बढ़ाते हैं शोभा बगीचों की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।