प्रियतम अपनी प्रेम कहानी, लगती है कोई प्रीत पुरानी। जनम-जनम की चाहत अपनी, मैं हूँ तेरी प्रेम दिवानी। तू मेरे मैं तेरे दिल में, मिलकर हमने प्रीत निभानी। संग में साजन तुम जो रहते, लगती फिर है शाम सुहानी। भूलूँ चाहे सारे जहाँ को, नही तुम्हारी प्रीत भुलानी। हँसते-हँसते जीवन […]