2

उस दिन शायद पूरा भूमंडल रोया होगा, जब धरती माँ ने अपने लालों को खोया होगा। शायद उस दिन भारत माँ ने भी आजादी से इंकार किया होगा, जब बलिदान उसने अपने तीन शेरों को किया होगा। उस दिन फिर भोले ने तांडव किया होगा, जब इनकी फांसी का दिन […]

1

आजादी का स्वप्न संजोया..अपनी खुशिंयाँ भूलकर, काट बेड़ियां भारत माँ की..चला निरंतर शूल पर। राष्ट्र दुलारा,आँख का तारा,शेर..ए बब्बर सरजमीं का, भगतसिंह बलिदान हुआ था..हंस फाँसी पर झूलकर। उम्र न जिसको रोक सकी थी..बारुदों के खेलों से, दाँत शेर के जो गिनता था..मौत स्वयं अनुकूल कर। राष्ट्र प्रेम का प्रखर […]

5

मैं देश नहीं रुकने दूँगा, मैं देश नहीं झुकने दूँगा। आए जीवन में गर मुश्किल, पर मैं मुश्किल नहीं टिकने दूँगा । मैं देश नहीं रुकने दूँगा, मैं देश नहीं झुकने दूँगा। इस तृण हरित रुधिर की भूमि पर, कईयों ने अपना रक्त बहाया है। हिन्दू,मुस्लिम,सिख, ईसाई, सबने ही रुधिर […]

1

क्या गति कर डाली है हिन्दी की हिंदुस्तान में, क्षत-विक्षत हो हिन्दी रोती इंग्लिश के कूड़ेदान में। इंग्लिश यहाँ संभ्रांतों की अब भाषा समझी जाती है, हिन्दी हर एक सभा में अब जाने से कतराती है। पहन मातृभाषा का चोला दर-दर की ठोकर खाती है, गैरों की है क्या बिसात,अपनों […]

एक अख़बार में निविदा विज्ञापन, दहेज़ के दानव के विनाश हेतु चाहिए एक बाण.. ऐसी निविदा पढ़ने के बाद दिल को हुआ आराम। वर्तमान परिदृश्य में, बहुएं जली-जलाई जा रही.. ऐसे हादसों के कारण गांवों  के कुएं की चरखियां,घट्टियों की आवाजें, ख़त्म होती जा रही। बाजारों में फ्रेमों के,कब्र के […]

यहाँ फिल्म पंजाबी परिपेक्ष्य पर आधारित है,जहाँ अंधविश्वास में मांगलिक होने पर पहली शादी पेड़ से हो जाती है सूरज शर्मा की और यहीं से शुरु होती है फ्रेंडली भूत की रोमांटिक कॉमेडी। इस फिल्म में सुंदर विशेष दृश्य प्रभाव हैं। फ़्रेंडली और खूबसूरत भूत की एंट्री और भी बहुत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।