देखा है जबसे तुमको,ये दिल धड़कने लगा है। मिलन हुआ है जबसे,ये दिल समझने लगा है।। लगी है आग दोनों तरफ,कैसे बुझाए इसको। ये आग का शोला तो,अब भड़कने लगा है।। नशा होता है प्यार मे,इसकी हमको खबर न थी। बिन पिये ही दोनों का मन अब बहकने लगा है।। […]

अपने अपने गांवों से हम बहुत प्रेम करते हैं। इसलिए पड़ लिखकर हम गाँव में रहने आ गये।। अपने गाँव को हम सम्पन्न बनाना चाहते हैं। जिसे कोई भी गाँव वाले रोजगार हेतु शहर न जाये।। गाँव वालो से मिलकर हम कुछ ऐसा काम करें। ताकि अपने गांव को आत्म […]

अपना कौन पराया कौन विपदा ही यह बताती है अपने पराये के भेद को अच्छी तरह समझाती है विपदा आते ही जो साथ छोड़ते अवसरवादी कहलाते है जो विपदा मे साथ निभाते सच्चे हमदर्द बन जाते है जो आँख मूंद विश्वास करे धोखा उन्ही को मिलता है विपदा आती बिना […]

लफ्ज़-ओ-लिहाज़ कवि सम्मेलन सम्पन्न इंदौर। गत दिवस साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था “हुनर” एवं “स्थाई” के तत्वावधान में स्थानीय कुंती मोहन माथुर सभागार में कवि सम्मेलन “लफ़्ज़-ओ-लिहाज़” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ रहें। सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप […]

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत याचिका क्रमांक WPWIVIL/203/2015 में यह निराकरण चाहा गया था कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३२ के अंतर्गत संविधान में संशोधन कर ‘इण्डिया’ शब्द को हटाकर सिर्फ ‘भारत’ रखा जाए। याचिका की सुनवाई तीन सदस्यीय खण्डपीठ जिसमें माननीय मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े,न्यायमूर्ति ए. एस.बोपन्ना […]

सेनेटाइजेशन 2020 में हमारे लिए नया शब्द नही रहा। लगभग बच्चे बच्चे के होठों पर यह शब्द आ चुका था। तो क्या सेनेटाइजेशन को लेकर हम पहले जागरूक नही थे ? नही। यह सोचना बिल्कुल भी गलत होगा। क्योंकि शुद्धिकरण का विचार हमारे सन्तों व पूर्वजों का सदैव से रहा। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।