एक हाथी और दर्जी में था, बहुत घनेरा प्रेम, दोस्ती। प्रेम-भाव से मिलते-जुलते, पाते सच्ची जीवन मस्ती॥ हाथी नदी किनारे हर दिन, करने जाता स्नान,जलपान। उसी डगर के बीच सफर में, आती थी दर्जी की दुकान॥ दर्जी देता रोटी रोज, कभी न करता इसमें भूल। हाथी भी था प्रेम का […]
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हे प्रेम प्रतीता पुण्य पुनीता,हे जननी सुखधाम.. मात-पिता के श्रीचरणों में,मेरा पुण्य प्रणाम। हे पुण्य सकारे गुरुवर प्यारे,तुम ही ज्योतिर्पुंज, प्रभु परमेश्वर हे जगदीश्वर,जीवन सत्य निकुंज। हे पुण्य मही हे अम्बर प्यारे,दिन दिनकर दिनमान, हे रजनीश्वर हे रत्नाकर,तरुवर परम सुजान। सकल चराचर मित्र सखा अरि,प्यारा प्रिय परिवार, नमन आपको करूँ […]