आज मंदिर गया और रब से मिला, एक दीवानगी है,मैं जब से मिला…। कुछ भिखारी थे सीढ़ी पे बैठे हुए, और कुछ थे सड़क पर भी लेटे हुए जितने भी थे भिखारी,मैं सबसे मिला, एक दीवानगी है,मैं जब से मिला….॥ भूखों को रोटियाँ बाँटकर ये लगा, सो रहा था मैं […]

तासीर हर शब्द की गहरी और अलग है, कहीं जमीं,कहीं फलक है कुछ ख्वाब हैं यहाँ, कुछ सुरखाब हैं। पेड़ भी हैं पत्ते भी, कलियाँ हैं कुछ फूलों के इंतज़ार में, मौसम-ए-बहार में क्या-क्या है यहां, कितना बताऊँ कभी घड़ी भर मिले तो बतलाऊँ। ऊपर से जो दिखे, जिंदगी वैसी […]

हकीकत है, बनावट नहीं है बिगाड़ मत l    पछताएगा, प्रकृति अनमोल  उजाड़ मत l    तू दरिंदा है, जो प्रकृति को काटा लताड़ मत l    बदला लेगी, वक्त आ रहा है सुधार मत l                              […]

हिन्दी मेरे हिन्दुस्तां,की जान दोस्तों। हिन्दी से पुरानी है,पहचान दोस्तों ll   भाषाई कई लिखे,सबने गीत गाए। हिन्दी के गीत चढ़े,परवान दोस्तों ll  हिन्दी है बड़ी मधुर,संयम भी बहुत है। हिन्दी के क्या गाऊँ,गुणगान दोस्तों ll  प्रेम डोरी बांध के,यश सबको दिलाए। हिन्दी जमीं हमारी,आसमान दोस्तों ll  ओ हिन्द के बाशिंदों,हिन्दी ज्ञान लीजिए। मातृभाषा बढ़ाओ,जगशान दोस्तों ll हिन्दी को […]

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(22 जुलाई तिरंगे के जन्म दिवस पर) बैचेन है तिरंगा,घुट-घुट के घुटन में जिए जा रहा है…, लहराया कम,ज्यादा कफ़न के रूप में उपयोग आ रहा है…l आखिर कब तक मैं जवानों को  आँचल में छुपाऊँ…, मेरे दिल के कलेजों को कैसे अपने दामन में सहलाऊँ…l मेरे लालों की कुर्बानी […]

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पाकिस्तान तेरे झूठ को कितना हम बर्दाश्त करें, कुलभूषण का अन्याय तराजू तेरा पर्दाफाश करें।    वो जिंदा है या है मृत,ये तो हमको मालूम नहीं,  पर तुझसे संधि न करने की तालीम हमारी रही सही।   बैर बढ़ाकर तू अपने पैरों पे कुल्हाड़ी है मार रहा,  पता है हमको […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।