कायर पाकिस्तान…

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rajnish dube
पाकिस्तान तेरे झूठ को कितना हम बर्दाश्त करें,
कुलभूषण का अन्याय तराजू तेरा पर्दाफाश करें। 
 
वो जिंदा है या है मृत,ये तो हमको मालूम नहीं, 
पर तुझसे संधि न करने की तालीम हमारी रही सही।
 
बैर बढ़ाकर तू अपने पैरों पे कुल्हाड़ी है मार रहा, 
पता है हमको हर आतंकी सदा ही तेरा बाप रहा l  
 
थू है तेरी नामर्दी पर,पीछे से जो वार करे, 
पाक तेरी खुदगर्जी पर सैनिक हमारे पलटवार करे l  
 
तू जितने जतन फरमाएगा,उस चीन  की फेंकी झूठन पर, 
तू उससे दुगने जूते खाएगा धरतीपुत्रों के महज कहने पर l  
 
कितने ही टुच्चे टिकली वाले गुंडे भेज तू सीमा पर, 
कितने ही अपहरण कर ले बेबुनियादी बेसब्री पर l  
 
पर ध्यान रहे ऐ कायर बेशर्मी,हर बैरक पर गणना होगी, 
तू हवा समझ न पाएगा कीमत सांसों की रक्त का झरना होगी l  
 
हर ऐंठ पे इक गोली होगी बारूद की बित्तल बदला होगी, 
हर तड़प से तेरी उस सरबजीत और कुलभूषण की तुलना होगी l 
                                                                                                    #रजनीश दुबे
परिचय : रजनीश दुबे की जन्म तिथि १९ नवम्बर १९९० हैl आपका नौकरी का कार्यस्थल बुधनी स्थित श्री औरोबिन्दो पब्लिक स्कूल इकाई वर्धमान टैक्सटाइल हैl  ज्वलंत मुद्दों पर काव्य एवं कथा लेखन में आप कि रुचि है,इसलिए स्वभाव क्रांतिकारी हैl मध्यप्रदेश के  के नर्मदापुरम् संभाग के  होशंगाबाद जिले के सरस्वती नगर रसूलिया में रहने वाले श्री दुबे का  यही उद्देश्य है कि,जब तक जीवन है,तब तक अखंड भारत देश की स्थापना हेतु सक्रिय रहकर लोगों का योगदान और बढ़ाया जाए l  

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