है रंगमंच ये जीवन सारा, सबको कठपुतली बनाए। भिन्न भिन्न किरदारों में। नित हमको नाच नचाए। कभी बनाए चोर, पुलिस, कभी हमको जज ये बनाए। कभी मंजर बुरा दिखाए ये, कभी सौगात खुशी की लाए। दुष्ट नेताओं, बाबाओं का , काला चिठ्ठा ये दिखलाए। दुनियाँ के सामने इनका , सारा […]

होली आई रे आई रे होली आई रे , जीवन को रंगों से रंगायी रे , मन मे पुलकित पंख लगायी रे, लाल हरा रंग रंगाई रे ! होली आई रे आई रे होली आई रे , मन तन के दिल मे आग लगायी रे , जीवन को मदहोश करायी […]

यूँ तो महबूब की आँखों में डूबता हूँ मैं अपने सीने में दबा दर्द नापता हूँ मैं।। उनकी साँसों में ही अब समाया हुआ खुद को खुद में ही यूँ अब ढूंढता हूँ मैं।। चाँद तारो की भी परवाह नही अब मुझको उनकी नज़रो से गिर कर अब टूटता हूँ […]

रचता ने जब रचना का जिम्मा स्वयं के कंधों पर उठा लिया लेखराज को ब्रह्माबाबा बना युग परिवर्तन रथ चला दिया इसी यज्ञ में आहुति देने को जानकी कन्या ने जन्म लिया सन उन्नीस सौ सोलह के साल में एक जनवरी को अवतरण लिया ओम मंडली से जुड़कर जानकी परमात्मा […]

मैं लिख डालूं अपनी भावनाओं को शब्दों में कागज के सफेद टुकड़े पर तुम बन जाना अर्थ उन शब्दों की गूढता के सुन लेना हमारी सारी वेदनाओ के मर्म को रख लेना अपने अंतर्मन में मन को मन से छू लेना हमारे सारे मौन से संवादों को…. #स्मिता जैन Post […]

लेके रंगों की फुहार, आया होली का त्योहार। दिल के झगड़े मिटाने , आया पावन ये त्योहार। लेके रंगों की………. रंगों की छाई है हर ओर बदली, खुशियों की रिमझिम करने को पगली। हाय सबके घर आँगन और द्वार, लाया खुशियाँ अपार। दिल के झगड़े मिटाने, आया पावन ये त्योहार। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।