अपने ईश्वर पर यकीन रख, जिंदगी में गिर उठ और आगे बढ़, पर ईश्वर पर यकीन रख। जीवन में संघर्ष कर, मुश्किलों से न डर सामना कर हर कठिनाई का, हार से न डर। गर ठहरा तू किसी जगह, तो पीछे रह जाएगा छोड़कर जग तुझे, आगे बढ़ जाएगा। तू […]
मनहरण घनाक्षरी छंद…… पक्षियों को दाना-पानी,हम न खिलाएंगे तो , दाना-पानी कौन भला उनको खिलाएगा। यूं तो कई लीटर, पानी को बहाते हम, चुल्लू भर पानी इन्हें जीवन दिलाएगा। दो मुट्ठी गेहूं के दाने, इनको खिलाएंगे तो, क्या हमारे भंडारे में, बोलो फर्क आएगा। आपके भरोसे द्वारे-द्वारे वो भटकते हैं, […]
‘बरेली की बर्फी’ को देखा तो याद आया आगरे का पेठा, राजिस्थानी घेवर और मथुरा के पेड़े पर दिल एंठा। गुजरात की सोन पपड़ी और बंगाल के रसगुल्ले, कौन होगा जो जवानी के ये रसभरे किस्से भूले। मारवाड़ी काजू कतली और रसीली रबड़ी, जो कालेज के दिनों में करती थी […]
आस लगाए बैठा हूं तुमसे, बरसोगे कब,बताए रे बदरा। सावन बीता सूखा-सूखा पर, भादो आस,जगाए रे बदरा। जो था पास मेरे वो खेतों पर, बैठा हूं सब,लगाए रे बदरा। अंतिम आस तुम्हीं हो पर , दिल भी,घबराए रे बदरा। कहलाता है अन्नदाता पर, फसल अब,रुलाए रे बदरा। भूख सभी की […]
आज देखी है मैंने जल की तृष्णा, बड़ी भयंकर,वीभत्स,अनोखी-सी। अजस्र नरों का रक्त पीकर इठलाती चल दी भूखी-सी। अपना बहाव बदलकर आई है जन-मानस के जंगल में, बस जीत रही है आज अकेले प्रकृति-मानव के दंगल में। पर बुरा भी क्यों मानूं मैं उसको,जब उसे हमने ही हड़काया है, अपने […]
दो बजे की आधी छुट्टी में वह घर खाना खाने आई,माँ तब भी रामायण पढ़ रही थी। हम दोनों साथ में खाते थे। ‘आप आज फिर इतनी देर से खाना खाएंगी।’ ‘आज मशीनवाले जवाहर भैया आ गए थे। चाय-नाश्ते […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।