गगन को छूने वाले भाव सारी मंडियों के हैं, कहीं से बूंद भर जल को खुले मुख सीपियों के हैं। हमेशा टूट जाते हैं जरा-सा दाब पड़ते ही, यहां जितने भी एलबम हैं सभी बस दफ्तियों के हैं। स्वयं अपनी ही बातों से मुकर जाता है कोई भी, कहूं क्या […]
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आज इंटरनेट यानि अंतरजाल के माध्यम से कहानियां, कविता,उपन्यास, संवाद,ग्रंथ, समाचार पत्रिका,ई-बुक्स एवं ई-पत्रिका ने अपनी जड़ें मजबूत करने के साथ-साथ हिंदी का प्रचार-प्रसार भी बढ़ाया है। आप कविता या कहानी लिखते हों,तो आज के कवि या लेखक को अंतरजाल चलाना पहले ही चलाना सीखना होगा,क्योंकि अपनी रचनाएं लाखों लोगों […]
