आन पर मिटना जब जब हुआ होगा, सबकी आँखों से आँसू तब बहा होगा। ज्वालाओं में झोंक देना खुद ही खुद को, इतना भी आसां तो नहीं हुआ होगा। जिंदगी तो बहुत ही भाती है सबको ही, उसको ही लुटाना भला कैसे हुआ होगा। कैसे पापी दुराचारी थे वे नीच […]

हिंदी इस समय एक विचित्र दौर से गुज़र रही है। अनेक शताब्दियों से जो इस देश में अखिल भारतीय संपर्क भाषा थी,और इसीलिए संविधान सभा ने जिसे राजभाषा बनाने का निश्चय सर्वसम्मति से किया,उसे उस पद पर प्रतिष्ठित करना तो दूर,`आधुनिक शिक्षित` लोगों ने अखिल भारतीय संपर्क भाषा का रुतबा […]

  आए वतन पे खतरा वो जान भी लगा दो, ये मुल्क के जवानों जंग का ज़ूनून भर लो। इसी जंग के कोने में कहीं जन्नत नजर आएगी, जंग आ ही जाए सर पे तो जुल्म भी तू कर ले। आजाद मुल्क है तो आजाद हम रहेंगे, कुर्बानियों की खातिर,कफन […]

यारों मना रहे हैं हम सब सबसे बड़ा त्योहार, आज के दिन ही मिला था हमको सबसे बड़ा उपहार। अंग्रेजों की हार हुई थी,मिला था हर्ष अपार, छब्बीस जनवरी का दिन है,सबसे बड़ा त्योहार। यारों मना रहे हैं हम सब सबसे बड़ा त्यौहार॥ मना रहे हम सब मिलकर,ये अपना गणतंत्र, […]

प्रेम,इश्क,मुहब्बत,प्यार आखिर इन आधे अक्षरों में ऐसा क्या है कि प्यार से गुजरकर इंसान वो नहीं रहता,जो इश्क करने से पहले होता है… | जीवन का सही अर्थ प्रेम में ही समझ में आता है,फिर सारी जानकारी अनुभव बनने लगती है और अनुभव इंसान को रुपांतरित करने लगता है,यही रुपांतरण […]

दर्द वो किसको सुनाए, यातनाएं सह रही थी भावनाएं दह रही थी, कौरवों के मध्य नारी चीख करके कह रही थी, क्यों नहीं आए कन्हैयाl क्यों नहीं आए कन्हैयाll कष्ट में तड़पा बदन जब, शोर में डूबा सदन जब नुच रहा था वक्ष मेरा, मौन था हर पक्ष मेरा रक्त […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।