मेरे हर संकट में मिलता , है अविलम्ब सहारा। हे दीनों के नाथ, दीनानाथ तुम्हारा।। नाव करे जब डगमग, मिले न कहीं किनारा। अतुलित छवि हिय में, बसता मुस्कान तुम्हारा।। जब भ्रमित कहीं मन मेरा, पथ दर्शक दिनकर तुम हो। जब व्यथित कहीं मानस हो, शुचि सम्बल प्रभुवर तुम हो।। […]

कल खुद को देखा आईने में और मैं डर गया किसी का कद मेरे रिश्तों पे यूँ भारी पड़ गया जिस शाख में सिमट  कर  ज़िंदगी गुज़ारी थी आज वो जड़ समेत ही मिटटी से उखड गया जिन हसीं  पलों को  समेटा था कल जीने को वक़्त के तूफ़ान  में […]

रमानाथ कई सालों से सपत्नीक धार्मिक यात्रा पर जाने की सोच रहे थे पर हर बार कारोबार की व्यस्तता या कोई न कोई अड़चन उन्हें जाने से रोक देती । पत्नी राधा बेचारी मन मसोस कर रह जाती । उम्र के इस अंतिम पहर में वह अपने पति के साथ […]

“सच कहूं तब मन बिखर जाता है ।।”   जब अंदर से कुछ कहना हो । अनकही कसक को सहना हो।   सब कुछ छूट जाने पल हो । बिखरता आज और कल हो ।   “सच कहूं तब मन बिखर  जाता है ।।”   जब दवा भी ज़हर का […]

जमी थी महफ़िल हुश्न-ओ-शवाब की, उनके साथ डूबना भा गया। निहारा जब नयन-ए-शराब को, तो मुझे अजीब नशा छा गया।। समेट लायी हूं मैं यादों में, झील किनारे बिताए  खुशनुमा पल। इन शरारती नजरो को उनका, इस अदब से मुस्कराना खा गया।। ना जाने कैसी अजब कशिश है, उस शख्श-ए-ख्वाब […]

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  विचारणीय विषय है…ज्वलंत समस्या का…… ज्वलंत प्रश्न……. मुझे यकीन है आज हर माता-पिता अपने बच्चों के विद्रोही स्वभाव को लेकर परेशान हैं, और उनके भविष्य को लेकर चिंतित भी..निश्चित तौर पर सभी ने कभी न कभी आत्ममंथन भी किया होगा, कि ऐसा क्यों है?? जो मूल बात और कारण […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।