आदरणीय भार्गव जी को उनके लेखन के लिए नमन भारत यह भी जान ले कि अंग्रेजी सीखने का सही तरीका क्या है तो भी कल्याण हो जाए| अंग्रेजी अच्छे से कैसे सीखें: यूनेस्को की पुस्तक (इम्प्रूवमेंट इन द कुआलटी आफ़ मदर टंग – बेस्ड लिटरेसी ऐंड लर्निंग, २००८, पन्ना १२) से निम्न […]

महक उठी है कहीं फिरसे रातरानी क्या लौट आई दोबारा मेरी ज़िंदगानी क्या ========================== देख के ताजमहल ये सवाल उठा दिल में गरीब के इश्क की भी है कोई निशानी क्या ========================== लुटा तो दी रंगीनियों का मज़ा लेने में थी इसी काम के लिए तेरी जवानी क्या ========================== वो […]

हाल दिल का सदा ही छुपाते रहो । कोई कुछ भी कहे मुस्कराते रहो ।। आँसुओं से कहो दिल के भीतर रहें । आंख की हर नमी को सुखाते रहो।। बांट कर फूल दुनियाँ की झोली भरो, अाप कांटों से दामन सजाते रहो।। वेवफा हैं करें वेवफ़ाई सनम, प्यार के […]

कटी जो तुम बिन एक उमर थी। बीती जो तुम संग,वो थी जिंदगी। किया जो तूने,शायद इशक था , की जो मैनें,वो तो थी बंदगी। तूने जो की,वो थी दिल्लगी निभाई पर मैने,दिल की लगी। यकीन के बदले में मिली शर्मिदगी। कर गया तू साथ मेरे दरिंदगी। बेवफाओ की  ,की […]

जिस शाख़ से हैं हम आकाश की ऊँचाई पर उड़नें की ख़ातिर उस शाख़ से जुदा होते लोगों को देखा है अपनों से जुदा हुए लोगों की याद में इस शाख़ को रोते देखा है फिर भी फ़क़त मैं जुडा हूँ उस शाख़ से बाकी, उस शाख़ से जुदा होते […]

आवे जावे मन बहलावे। जो जो पूछो बात बतावे। दूरन से वो लागे अपना। ऐ सखि साजन?ना सखि सपना। छैल  छबीला  वो हो जावे। मदमस्त चाल से वो रिझावे। साथ कभी उसने नहिं छोड़ा। ऐ सखि साजन?ना सखि घोडा। बिन उसके कुछ भी न होवे। दिन रात  की निदियां खोवे। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।