बीती बरस विरह की घड़ियाँ, देखो आयी मिलन की बेला नव सुन्दर मधुर मिलन की बेला ……. है दूर हुई मुख की मलिनता दिख रहा है नव – यौवन खिलता वीरानी में फिर लगा है मेला देखो आयी मिलन की बेला नव सुन्दर मधुर मिलन की बेला ……. जब होगा […]

उसी पे चाँद है बादल उसी पे पानी है मेरा ज़मीन से रिश्ता भी आसमानी है वो एक शख़्स है काहिल मगर है दौलत भी किसी किसी पे खुदा की भी मेहरबानी है रखेगा किस तरह आखिर मुझे छुपाए हुए मैं जनता हूं कि खुशबू वो ज़ाफ़रानी है शहर का […]

   ह्रदय के भीतर से ही चला आँसू धीरे से  आंख में आ गला आँसू    प्रीत छिपती कहाँ है छिपाने से प्रेम की प्राणवायु ले पला आँसू    किसी ने लिया समेट मोती जैसे किसी को शूल सम खला आँसू किसी मासूम की आँखों मेंआकर बन हीजाया करता जलजलाआँसू […]

 मैं अमूमन समीक्षाएँ कम लिखता हूँ । कारण यह है कि काफी संख्या में मिले पुस्तकों में से अगर किसी एक पर लिखता हूँ तो दूसरे साथी सोचेंगे कि उनकी पुस्तक में क्या कमी है ! बात सच भी है । वर्षों की साधना से लिखे किसी पुस्तक को कुछ […]

   – राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”        कवि,साहित्यकार  आओ विजन दो हज़ार बीस की ओर चलें। सबको विजन 2020 क्यों पूरा करना चाहिए इसका सीधा उत्तर है हम दो हज़ार बीस तक हमारे देश को विकासशील से विकसित बनाएंगे। जो विजन हमें कलाम साहब ने दिया उसे पूरा करना […]

आज सुबह से ही मूसलाधार बारिश हो रही थी । बच्चे घर पर ही थे । दोपहर का समय था बच्चों के साथ रिया बैठी बारिश का आनंद ले रही थी । अचानक ही किसी गहरे ख़्याल में खो सी गई । आँखो से अनायास ही आँसू छलक पड़े ।रितु […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।