गृहस्थ जीवन मे बनिए सन्त स्वभाव समान आचरण ऐसा कीजिए कहलाये आदर्श इंसान अवगुणों का परित्याग कर अपनाये सद्गुणो का ज्ञान पवित्रता तन मन मे बसे बन जाये साधु समान ईर्ष्या,द्वेष,घृणा का न हो जीवन मे कोई स्थान परमात्मा का स्मरण कर प्राप्त करे राजयोग ज्ञान।#श्रीगोपालनारसन Post Views: 605