1.. बाल पणै शादी करी,भटक गया मन मीत। पढ़बो  लिखबो  छूटगो, आय लपेटै  रीत।। 2.. बेगा   होगा   टाबराँ, सेहत  गई  पताल़। आय जवानी पैल हीं, हुयो जीव जंजाल़।। 3. मात पिता न्यारा हुया, कही कमाओ  खाय। भूत भविश की सोचताँ,बर्तमान चलि जाय।। 4.. भैण भुवा का लाड़ सब,गया कुआ कै […]

मेरे साथ अगर संभव हो जागो मेरे साथी, प्रेम का दिल में नव उद्भव हो जागो मेरे साथी! ००० शक्ति ज़िन्दगी में है प्यारे सचमुच बहुत ज़रूरी, शक्ति बिना ख़ुद शिव भी शव हो जागो मेरे साथी! ००० दो पहियों पर चलती गाड़ी चाहे धीमे-धीमे, मिले साथ तो जीवन नव […]

हाँ से खीर बनकर आ रही है । यहाँ खिचड़ी खिलाई जा रही है । इरादा था जहाँ पर हाइवे का लो पगडंडी बनाई जा रही है । किया था वायदे में बाँस पूरा लो अब लाठी थमाई जा रही है । कहा था पेड़ पीपल के लगेंगे वहाँ तुलसी […]

रोहतक (हरियाणा) जिले के लाढ़ोत्त भैयापुर गॉव में स्थित गुरुकुल में हुई दर्दनाक घटना ने सबको दहला कर रख दिया है, पाँचवी, छठी, सातवी कक्षा के इन विद्यार्थियों के साथ दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों द्वारा किये गए कुकर्म ने एक और सवाल खड़ा कर दिया है कि बेटियां क्या […]

दिल में बस जाना फिर रूठ के चले जाना हमदम कभी मान जाना तो कभी बे-ख़ता सताना हमदम जोड़ता फिर रहा हसरतें मुहब्बत की राह में सनम इक छोर से तुझ पर आके ख़त्म हो जाना हमदम अपने इस दिल को क्या बताऊँ कहाँ जा कर बसे तू जो न […]

हम जिस पर्यावरण में रहते हैं वह अनेक घटकों से मिलकर बना हैं। इसका प्रत्येक घटक हमें किसी न किसी रूप में लाभ पहुंचाता हैं। हमारी आवश्कताएं चाहे मौलिक हो, भौतिक हो, सामाजिक हो, अर्थिक हो, अथवा सांस्कृतिक हो इनकी पूर्ति प्रकृति से ही संभव होती हैं। प्रकृति ने हमें […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।