*बाल पणै ब्याह*

0 0
Read Time1 Minute, 52 Second

babulal sharma
1..
बाल पणै शादी करी,भटक गया मन मीत।
पढ़बो  लिखबो  छूटगो, आय लपेटै  रीत।।
2..
बेगा   होगा   टाबराँ, सेहत  गई  पताल़।
आय जवानी पैल हीं, हुयो जीव जंजाल़।।
3.
मात पिता न्यारा हुया, कही कमाओ  खाय।
भूत भविश की सोचताँ,बर्तमान चलि जाय।।
4..
भैण भुवा का लाड़ सब,गया कुआ कै पींद।
चार  दिनाँ को चानणों , बणै  जिँदाड़ै बींद।।
5..
म्हे  डूब्या  सो  भौत   छै,मान  मँजूरी  खाय।
अब सरकारी रोक अरु,रोक समाज लगाय।।
6..
बाल ब्याह अभिशाप छै,होय समाजबिगाड़।
समय पाय शादी करो ,बाल पणै नहिँ लाड़।।
7..
सत फेरा,सातूँ वचन,कर ल्यो सत संकल्प।
बाल ब्याह नै टाल़ कर,कर द्यो काया कल्प।।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

जब भी करता हूँ इक़रार

Mon Aug 27 , 2018
जब भी करता हूँ इक़रार अपनी चाहत का उससे सब जानकर भी बनते हुए अंजान अल्हड़पन से खिलखिलाती पूछने लगती है व्याख्या एहसासों की बिल्कुल पगली सी है कैसे समझाऊं उसे एहसास व्याख्यायित करने के लिए नहीं होते होते हैं खुशबू की तरह जो नज़र नहीं आते रंग होते हैं […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।