‘उस्ताद सुना है कोई कॉफी होती है जो अमेज़न के जंगलों में घूमने वाले हाथियों के लीद से बनती है?’ ‘होगी यार …मोय तो नाय पतो?’ ‘… और कोई मंहगी क्रीम भी होती है जो घोंघे के लार से बनती है?’ ‘मोय नाय मालूम यार…?’ ‘… और उस्ताद सुना है […]

पवित्र है तभी तो पूजे जाते देव कन्या की पवित्रता पर हम छूते उसके पाँव समय के साथ जब कन्या वधु बन जाती है वधु खुद पाँव छूती हुई सबको नजर आती है पवित्रता से पतित बनने की यह बात सहज ही समझ में सबके आ जाती है पूजा देव […]

भूल गए हम क ख ग घ, भूल गए हम गिनती। मैडम जी आकर याद दिलाओ, आज करें हम विनती। गुम हो गईं कॉपी किताबें, गुम हो गया बस्ता। घर से स्कूल जाने का, भूल गए हम रस्ता। मैडम जी हमें बुलाने आओ, आज करें हम विनती। भूल गए……… ड्रेस […]

सेवा सर्वोपरि बना सैंकड़ो परिवारों की मुस्कान, राशन, जल और भोजन वितरण किया इंदौर। वैश्विक आपदा ने जहाँ पूरे विश्व को प्रभावित किया हुआ है, ऐसे मुश्किल दौर में युवा हिन्दी सेवियों द्वारा सेवा का ज़िम्मा उठाते हुए देश के कई शहरों में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के सेवा सर्वोपरि प्रकल्प […]

सन् 2019के लोकसभा चुनाव के दौरान से भारत में एक शोर सा चारों ओर से राजनेताओं के द्वारा लगातार किया जा रहा है न्यू इंडिया , न्यू इंडिया का। हम सभी को 15 अगस्त 1947 से प्राप्त आजादी शायद अब बहुत बूढ़ी और पुरानी हो गई है ।अब उसका भी […]

हमें दूध दही घी खाना है, भारत को स्वस्थ बनाना है। दूध नहीं ये अमृत है, नित इसको हमें पी जाना है। पोषक तत्वों की खान है ये, हमें जन जन को समझाना है। ना करना कोई बहाना है, भारत को को स्वस्थ बनाना है। हमें दूध………….. चाहे खीर बनाओ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।