अख़बार वाला रोजाना अख़बार डालता आ रहा है | मगर कुछ दिनों से अख़बार डाल नहीं रहा था | मैने अख़बार वाले की दुकान जाकर कहा – भाई क्या बात है अख़बार नहीं आ रहा है | उसने कहा अंकलजी अख़बार तो रोज डालता हूँ | मैने कहा – दो […]

शिव शक्ति से जन्मा अक्षर बावन देवियो के बावन अक्षर जिनसे उपजी है हिन्दी गौरवमयी बनी है हिन्दी नवजात रुदन भी है हिन्दी पूरी दुनिया मे फैली है हिन्दी हिन्दी अक्षर अक्षय कहलाते संवाद का अच्छा माध्यम बन जाते कही आत्मा मे बसती हिन्दी कही व्यवसाय का माध्यम हिन्दी विक्रमशिला […]

बिटिया भी चिड़ियाँ होती है पर पंख नहीं होते उनके दो जगहों का सुंदर रिश्ता मायका, ससुराल पर घर नहीं होते उनके । जनम दिया जिस मात – पिता ने कहते बेटी तो परायी है ससुराल में जब जाती बेटी सास – ससुर कहते ….. ये तो परायी घर से […]

शब्दों से भरी पन्नों की स्याही कितनी वफादार निकली “नजर” आती है स्पष्ट ज्ञान देती है झटपट होती नही नटखट स्याही के करिश्में कितनी मशहूर निकली शब्दों से भरी पन्नों की स्याही कितनी वफादार निकली। गमो का पहाड़ भी थाम लेती है कलम की सिपाही बनकर कुछ तो सिख लिया […]

देखो   दादी,   देखो  नानी रंग  बिरंगी   तितली रानी। सबको लगती बड़ी सयानी जगह जगह का पीती पानी। तितली  रानी , तितली रानी अमन  चैन  से रहती  रानी। हरकत करती वो  मस्तानी फूल  फूल  पर  जाती रानी। तितली रानी , तितली  रानी हार  कभी  ना  तुमने मानी। फूल देख  इठलाती तितली […]

अहंकार को एक दिन टूटना ही होता है। अहंकार की नियति ही टूटना है। इतिहास गवाह है कि किसी का भी अहंकार कभी ज़्यादा वक़्त तक नहीं रहा। इस अहंकार की वजह से बड़ी-बड़ी सल्तनतें नेस्तनाबूद हो गईं। किसी हुकूमत को बदलते हुए वक़्त नहीं लगता। बस देर होती है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।