कविता में युवाओं के कारण सशक्तता -डॉ. दवे तिरंगा डोल रे- नीलोत्पल मृणाल सिर्फ़ शम्भू ही स्वयंभू है- गौरव साक्षी प्राचीन साहित्य को नई पीढ़ी तक लाना ज़रूरी है-एसीपी डॉ. चौबे कवि श्री दिग्गज स्वर्णाक्षर सम्मान से सम्मानित इंदौर। राष्ट्र प्रेम से सराबोर होकर स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर […]

कविकुल के गौरव और पूर्व प्रधानमंत्री पं. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लिखा है कि ‘भारत केवल एक भूमि का टुकड़ा नहीं बल्कि जीता–जागता राष्ट्रपुरुष है’ अर्थात् स्पष्ट तौर पर भारत के भारत होने का कारण यहाँ की संस्कृति,यहाँ के संस्कार और यहाँ की विरासत है। भारत की ताक़त, भारत […]

हाँ! मैं राजेन्द्र माथुर हूँ। मालवा भूमि पर 7 अगस्त, 1935 को मध्य प्रदेश के धार जिले में जन्म हुआ, प्रारंभिक शिक्षा धार, मंदसौर एवं उज्जैन में हुई। उच्च शिक्षा के लिए इंदौर आ गया, जहाँ मेरे पत्रकारिता जीवन की शुरुआत हुई। ‘नई दुनिया’ के संपादक राहुल बारपुते जी से […]

विधि संबंधित जानकारियों का गुलदस्ता किराये के उद्देश्य के लिए इन घरों की अनुपलब्धता के मुख्य कारणों में से एक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मौजूदा कानून हैं जो किराए पर लेने को हतोत्साहित करते हैं क्योंकि जमींदारों और किरायेदारों के बीच विवादों की बहुत संभावना थी। रहने के […]

भारत त्योहारों का देश है, यहाँ हर त्योहार का अपना अलग महत्व है और ऐसे ही महत्त्व के बीच जब कोई त्योहार प्राकृतिक पूजन और सांस्कृतिक समन्वय आधारित हो, वह अपने आप में राजतिलक हो जाता है। इसी तरह प्रकृति से जुड़ा त्योहार हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष […]

कहानी-संग्रह ‘मोहरबंद’ विमोचित कहानी में नई सोच को स्थान दें युवा रचनाकार- श्रीमती सोलंकी इन्दौर । शहर के नवनिर्वाचित महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने आह्वान किया है कि ‘अपनी-अपनी मातृभाषा में अधिकाधिक संवाद करें, इससे मातृभाषा के विकास और विस्तार को गति मिलेगी। अपने हस्ताक्षर हिन्दी में करें।’ श्री भार्गव […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।