15 नवंबर 2022 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर, मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने पंचायत ‘अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार’ अधिनियम ‘पेसा अधिनियम’ नियमावली की पहली प्रति भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को सौंपी। पेसा अधिनियम 1996 में पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX के […]

कन्धों पर चढ़कर यहाँ तक नहीं आए हैं रात से सुबह तक में यहाँ तक नहीं आए हैं सहे हैं कई दर्द और घाव पैरों ने सफ़र में किसी की बदौलत यहाँ तक नहीं आए हैं बड़ी मेहनत से बुना है हमने भी ताना-बाना किसी की गाली सुनी किसी का […]

इन्दौर। हिन्दी प्रचार और विस्तार के लिए पहचाने जाने वाले हिन्दी योद्धा व पत्रकारिता के क्षेत्र में अध्यापन करवाने वाले डॉ. अर्पण जैन ’अविचल’ को रविवार जाल सभागार में बिज़नेस दर्पण द्वारा आयोजित शिक्षक अलंकरण समारोह में सम्मानित किया गया। मंचस्थ अतिथि देअविवि की कुलपति डॉ. रेणु जैन, इन्दौर प्रेस […]

बोलियों को जिंदा रखेंगे तो जिंदा रहेगी परंपरा, बोले – साहित्य अकादमी के निदेशक डाॅ. विकास दवे इंदौर। बोलियां हमारी परंपरा की वाहक हैं। बोलियों को जिंदा रखेंगे तो परंपरा जिंदा रहेगी। यह बात साहित्य अकादमी, (म.प्र.) के निदेशक डाॅ. विकास दवे ने पुस्तक – मालवी-हिन्दी लघुकथाएं के लोकार्पण समारोह […]

आम मतलब हर पल किसी अनहोनी की आशंका में डरा हुआ आदमी इसी बात से खुश आदमी तो है मगर इसका कोई मतलब भी है हर वक्त खुद से भागता कल का समय काटने के बहाने ढूंढ़ता अपने बच्चों तक से झूठ बोलता कोई चेहरे का दर्द न पढ़ सके […]

आज मैंने आईने को तब फूट-फूट कर रोते देखा जब सब उसे झूठा ठहरा रहे थे। उसने कहा मुझे प्रतिबिंब ही तो दिखाना है। जब लोग अपने चेहरे पर परत दर परत झूठ चढ़ा लेते हैं तो खुद को पहचान पाते हैं क्या? अर्द्धेन्दु भूषण इन्दौर, मध्यप्रदेश लेखक वर्तमान में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।