परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ किसी भी समाज, नगर या राष्ट्र के निर्माण की आधारशीला में जिन तत्त्वों की गणना अग्रणीय है, उनमें से साहित्य वरीय है। बौद्धिक आधार ही समाज के, समकाल के आचरण, सभ्यता और रमणीयता का कारण है। आज भारत अपने नवनिर्माण की ओर अग्रसर है, […]

इंदौर। मातृ दिवस के उपलक्ष्य में मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा कविता लेखन प्रतियोगिता में सिरोही राजस्थान के साहित्यकार डॉ. छगनलाल गर्ग ‘विज्ञ’ विजेता रहे। मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘उक्त प्रतियोगिता डिजिटल स्वरूप में आयोजित की गई थी, कई रचनाकारों ने कविताएँ भेजी […]

ये है देखो वीरगाथा, मेरी प्यारी माँ की ही, त्याग और तपस्या की है, जीती जागती मूर्ति। सरलता, सहजता उनकी, एक नई सीख देती, सकारात्मक बातें उनकी, प्रेरणा का स्त्रोत बनतीं। माँ-पिता की थी इकलौती, अलबेली और अल्हड़–सी, कर्मठता और लगन शीलता, की थी वो प्रतिमूर्ति। रसूखदार पिता की बेटी, […]

हर असंभव को संभव बनाती‌ माँ साधारण रूप-रंग में‌ चमचमाती ‌माँ भयानक वर्षा में‌ छतरी बनती माँ कड़ी धूप में बादल का टुकड़ा बनती माँ दु:ख सागर में सुख पतवार‌ बनती माँ ‌अंधेरे में‌ आस की लौ बनती माँ ‌‌भीड़ भरी राह में संकेतक अंगुली बनती ‌माँ ‌‌निवड़ अकेलेपन में […]

मेरे सामने दराज खुली पड़ी है, दराज में पत्रों की पिटारी है। अंतर्देशीय, लिफ़ाफ़े, पोस्टकार्ड, पत्र खुले, सहसा अतीत खुल गया। पत्रों में से चेहरा अम्मा का उभर आया। ’बिटिया, तुम्हारी चिंता बहुत रहती है। लाडो, तुम्हारी याद भी बहुत आती है। सावन में आ रही हो न! तुम्हारी पसंद […]

4 जून को होगा भव्य समारोह और कवि सम्मेलन इंदौर। विश्व विख्यात हास्य कवि एवं संवेनदनशील गीतकार रहे स्व. सुरेन्द्र दुबे की स्मृति में स्थापित पाँचवा सम्मान एवं पुरस्कार देश के प्रतिष्ठित हास्य कवि, मंच संचालक तथा मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रहे इंदौर के पं.सत्यनारायण सत्तन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।