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शहीदों की शहादत को भुलाया जा नहीं सकता, जखम गहरे हों दिल के,पर दिखाया जा नहीं सकता। जवानी के दिनों में ले लिया था देशव्रत जिसने किए अहसान इतने कि चुकाया जा नहीं सकता। बड़ी मुद्दत से मिलते हैं वतन के लाल ये न्यारे, किसी कच्चे घड़े को यूं पकाया […]

हँस वाहनी, जगत जननी माँ पाप नाशनी। जग जननी, दुर्गा दुर्गति दूर कर, वर दे। घर-घर से, अफजल निकला व्यर्थ के नारे। मोदी ने योगी, निकाल दिया,अब कौन सँवारे भारत तेरे, टुकड़े होंगे,कहा ये गद्दारों ने। जेएनयू को, बँद करो, मोदी जी इंसाफ करो।             […]

खूब आग बरसा रही,सूरज की ये ताप, जन-जन झुलसे ताप से,बढ़ता अब संताप। पतझड़ से हैरान हैं,पशु पक्षी भी आज, ताल-तलैए सूख गए,पानी को मोहताज। कपड़े तन पर चुभ रहे,सूती की दरकार, गर्मी की भीषण जलन,करती अत्याचार। सूरज सिर पर चढ़ गया,बिगड़ा क्यूं मिज़ाज़, लाल-पीला वो हुआ,सहमा सकल समाज। कूलर-एसी […]

ये हमारे यहाँ का बड़ा ‘अजीब’ रिवाज़ है..जन्म लेते ही लोगों को दो वर्ग में बाँटने का। दो -काले और गोरे का वर्ग। बात यहीं पर ख़त्म नहीँ होती है। बड़ी प्रतिभा है हममें,इसके अंदर भी बढ़िया वर्गीकरण है..काले तो कितने काले,सांवले और गोरे में भी गेंहुएं,दूधिया,अलाना-फलाना,इम्का ढिमका। वर्गीकृत करना […]

मौज मनाने, छुट्टियों में हैं आते नदी किनारे। बड़ी सुहानी, हवा चलती यहाँ नदी किनारे। मनमोहक , नज़ारा यहाँ होता नदी किनारे। मस्त लहर, आकर टकराती नदी किनारे। भीड़ अधिक, हो जाती है अक्सर नदी किनारे। संग पिया के, सन्ध्या देखने आती नदी किनारे।             […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।