किये है जो कर्म हमने,उन्हीं का फल पा रहे हैं, बोए है जो पेड़ हमने,उन्हीं के फल खा रहे है। चला आ रहा है यह नियम सृष्टि का सदियों से, उसी को सब लोग संसार में निभाते जा रहे है।। आवागमन का नियम सृष्टि का चला आ रहा है, जो […]

उनकी मोहब्बत ने मुझे, लिखना सीखा दिया। लोगों के मन को, पढ़ना सीखा दिया। बहुत कम होंगे जो मुझे, पढ़ने की कोशिश करते है। क्योंकि जमाने वालो ने तो, मुझे पागल बना दिया था। न धोका हमने खाया है, न धोका उसने दिया है। बस जिंदगी ने ही एक, नया […]

मीत बने जब परमात्मा हो जाए आत्म उद्धार मन से विकार दूर हो पवित्र हो आचार विचार शांत मन ,स्वस्थ तन हो खुशिया रहे घर द्वार एक परमात्म याद रहे न माया ,मोह ,कुविचार अशरीरी बनकर रहो देहभान मिटाकर रहो मिलेगा सुख अपार कलियुग मिट जायेगा सतयुग होगा आपके द्वार।#श्रीगोपाल […]

वाह रे देश की बड़ी-बड़ी कुर्सी पर विराजमान बड़े-बड़े जिम्मेदार। क्या कोई भी जिम्मेदारी लेगा यह सोचना ही अपने आपमें बेईमानी है। क्योंकि यह सत्य है कि कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए आगे कदापि नहीं आएगा। दुखद यह है कि समस्या के निराकरण पर जितना जोर देना चाहिए वह […]

हल्दी लगे न फिटकरी,रंग चोखा हो जाय। बिन परीक्षा दिए बगैर दसवीं पास हो जाय।। जबसे यह सुना बिन परीक्षा दिए न होगे पास। सभी छात्र हम लगे,मन से बहुत ही उदास।। बिन मेहनत किए जब हो जाओगे तुम पास। किताबों और कॉलेजों में फटके न कोई पास।। कोरोना के […]

मिले हम अपनी कविता, गीतों के माध्यम तुमसे। परन्तु ये तो कुछ, और ही हो गया। पढ़ते पढ़ते मेरे गीतों के, तुम प्रसन्नसक बन गये। और दिल ही दिल में, हमें चाहने लगे। और अपने कमेंटो से, हमें लोभाने लगे।। दिल से कहूँ तो मुझे भी, पता ही नहीं चला […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।