मेरी ज़िंदगी

0 0
Read Time1 Minute, 57 Second

kaji

तेरी आंखों में प्यार की कहानी नज़र आती है ।
रहबर मेरी ज़िंदगी तेरे पहलू में चैन पाती है ।।
सरगम सी बजती है कानों में मेरे ।।।
पनघट पर जब तू अपनी पायल खनकाती है ।।।।

तेरा ग़म तो मेरी ज़िंदगी का हिस्सा है ।
मेरे हिस्से से भी क्यों ये मिल्कियत चुराती है ।।
बेकरारियों की इंतहा हुई अब तो ।।।
रहबर मेरी ज़िंदगी तेरे पहलू में चैन पाती है ।।।।

कैसे गुज़रते है दिन मेरे,शामें बेख़बर हैं ।
तेरे आने की ख़बर ही मुझे मस्ताना बनाती है ।।
धड़कनें दिल में हर दम ग़दर मचाती हैं ।।।
रहबर मेरी ज़िंदगी तेरे पहलू में चैन पाती है ।।।।

ये बारिशें, ये बिजलियां, ये बादलों का शोर ।
याद ए मेहबूब को सीने में जगाती हैं ।।
कर्ज़दार है सांसें उसके इश्क़ की “क़ाज़ी “।।।
उन रिश्तों में जीकर उसका क़र्ज़ चुकाती है ।।।।

ये कहानी हमारी आशिकों को दीवाना बनाती है ।
रहबर मेरी ज़िंदगी तेरे पहलू में चैन पाती है ।।

#डॉ.वासीफ काजी

परिचय : इंदौर में इकबाल कालोनी में निवासरत डॉ. वासीफ पिता स्व.बदरुद्दीन काजी ने हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है,साथ ही आपकी हिंदी काव्य एवं कहानी की वर्त्तमान सिनेमा में प्रासंगिकता विषय में शोध कार्य (पी.एच.डी.) पूर्ण किया है | और अँग्रेजी साहित्य में भी एमए कियाहुआ है। आप वर्तमान में कालेज में बतौर व्याख्याता कार्यरत हैं। आप स्वतंत्र लेखन के ज़रिए निरंतर सक्रिय हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

दोष आंखों का है ?

Sat Jul 6 , 2019
आंखों ने देखा तुम्हें और मन व्याकुल हुआ। अंदर ही अंदर प्यार हमारा उमड़ पड़ा। और दिल मेरा तुम्हें चहाने लगा। अब तुम ही बताओ भला, इसमें आंखों का क्या दोष है ? प्यार मोहब्बत को पढ़ ना आसान नहीं। मोहब्बत की परिभाषा समझना बच्चों का खेल नहीं। इस राह […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।