वर्तमान समय में सोशल मीडिया हिंदी प्रचार प्रसार में अहम भूमिका अदा कर रहा है ।भारत में दूरदर्शन के अधिकतर चैनल हिंदी भाषा में ही प्रसारित किये जा रहे हैं, जिनमें समाचार, धारावाहिक, गायन, नृत्य प्रतियोगिताएँ, विभिन्न प्रकार के मनोरंजक खेल व अन्य सामाजिक कार्यक्रम यदि सबसे अधिक […]

तुम मार्गदर्शक तुम ही हो प्रेरणास्रोत्र तुम हो चट्टान समान जो विपदाओं से बचाता तुम हो एक विशाल वृक्ष जो अपनी छाया से हमारे जीवन में शीतलता लाता तुम ने बचपन हाथ थाम चलना सिखाया और जीवन में जरुरत पड़ने पर तुम्हें अपनी परछाई बना पाया पिता वो शख्सियत है […]

इस जगत में कौन किसकी प्रियतमा है, कौन प्रीतम। प्रीति द्युति चमको जहां पल, वहीं फूटा चिर विरहतम। देख जिसकी ओर बस, प्रीत वह ही मुस्कराता मौन होकर बात मन की सांध्य घन से दृग झुकाता, कांप निश्छल लाज प्रतिमा अचिर उपजती प्रणय भ्रम॥ प्राण का दीपक जलाकर, थाल में […]

चाँद बातें कर रहा, ठिठुरी हुई रात से। आसमाँ की झील में नाव खेता रात भर, चांदनी झींनी पड़ी मूक रहती रात भर। कस रहे तारे ताना, उर के परिघात से । है सफर लम्बा जरा राह भी अवरुद्ध है, सघन तम पसरा हुआ निशब्दिता सम्बद्ध है। निसृत हुए तुहिन […]

मन की तुष्टि कर्म किया जो वही कहलाता आराधन, आत्म तुष्टि से कर्म भी कहलाता है बस आराधन। निज कर्तव्य हित करना ही कहलाता है  एक आराधन, इसीलिए तो कण-कण देखा बस करता हुआ आराधन। फूलों की है हँसी आराधन और सरिता गति आराधन, इक-दूजे की देखभाल भी लगती है […]

पौ फटते ही जमना तट पर हर रोज राधिका आती थी, घट अंक धरे तट पर बैठी प्रिय राह आँख बिछाती थी। कुछ बीते पल घण्टे बीते सूरज सिर के ऊपर आया, दोपहर गई गिर सांझ हुई राधा का श्याम नहीं आया। दोनों हाथों से घट थामे अपलक दूर तक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।