माँ से मैं हूँ माँ से तुम हो, माँ से है संसार सारा। माँ ही साथी माँ ही सहारा, माँ ही हमारी बहारा।। माँ तेरा आँचल शीतल छाया, तेरा आशीष धन है हमारा। निश्छल प्रेम की सागर है तू, तुझसे चले जीवन धारा।। माँ तेरी लोरी माँ तेरी थपकी, हमको […]

तू है ममता की प्यारी मूरत, सबसे अच्छी है तेरी सूरत। ओ मेरी माँ, ओ मेरी माँ……. तेरे कदमों में है सारा जहाँ, तुझसे प्यारा और कोई कहाँ। ओ मेरी माँ, ओ मेरी माँ……. सदा मुसीबतों से तूने बचाया, जीने के काबिल मुझे बनाया। ओ मेरी माँ, ओ मेरी माँ……. […]

आओ चलें अमर इतिहास के कुछ पन्ने पलटाते हैं, आज हम झाँसी वाली रानी की अमर गाथा सुनाते हैं। काशी के ब्राह्मण कुल में जन्मीं प्यारी मनु सुकुमारी थी, बचपन से ही प्रिय खड्ग और अश्व की सवारी थी। शौर्य और वीरता की झलकती अद्भुत कहानी थी, खूब लड़ी अंग्रेजों […]

गर्व करें हम मूल्यों पर अपने, नमन करें हम मूल्यों को अपने। मानव धर्म का ज्ञान कराएं, मूल्य हमें इंसान बनाएं। नैतिकता का पाठ पढ़ाएं, मूल्य हमें सन्मार्ग दिखाएं। भौतिक विकास का सोपान चढ़ाएं, दिल में हमारे आध्यात्म जगाएं। व्यक्तित्व हमारा सुंदर बनाएं, मूल्य हमें संस्कारी बनाएं। ईर्ष्या द्वेष से […]

अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूँ कोई आँसू तेरे दामन पर गिराकर बूँद को मोती बनाना चाहता हूँ थक गया मैं करते-करते याद तुझको अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ छा रहा है सारी बस्ती में अँधेरा रोशनी हो, घर जलाना चाहता हूँ […]

कर दिया जब सभी ने पराया हमें| थाम कर आपने तब निभाया हमें|| दर्द से दोस्ती हो गयी थी सुरू- बेवजह आपने गुदगुदाया हमें| अश्क भी हो गये मौन अब रूठकर- प्यार में आपने यूँ रुलाया हमें| मयकशी की न तहज़ीब थी साथियों- दर्देदिल ने श़राबी बनाया हमें| शूल की […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।