बच्चे मन के सच्चे, नहीं उनसे सच्चा कोई। बच्चों का दिल होता, गंगाजल-सा पावन। बच्चों की तो हर बात ही, होती निराली है। वे तो होते हैं जैसे, कोई दमकता हीरा। नहीं मन में कोई उनके, अपना या पराया होता। उनकी तो अपनी, दुनिया ही अलग होती है। बच्चे मन […]
rla sinh कई बार लोग सीरत से अधिक सूरत को महत्व देते हैं,व्यक्तित्व को विशेष रूप से महत्व देते हैं। अगर किसी के पास दोनों न हो तो,उसे धनाढ्य होना चाहिए, अन्यथा लोग इज्ज़त नहीं करते हैं। ‘अरे लो ये पेपर,इस पर स्टैम्प….अरे ठप्पा लगा लो,ठप्पा-ठप्पा।’ प्रधानाचार्या जी […]
सुनो,आज हिन्दी दिवस है, चलो फिर कुछ गोष्ठियाँ कर डालें। कुछ अपनी जेब में, कुछ उनकी रखने का जुगाड़ कर डालें। कुछ बड़ी-बड़ी बातें तुम कहना, कुछ हम भी चलो कह डालें। गोष्ठियाँ खत्म होते ही, फिर अंग्रेजी शराब औ कबाब, अंग्रेजी फलसफ़ों का पुलिन्दा होगा। कोई नहीं थोड़ा-सा ही, […]
बेटी माँ के कलेजे का टुकड़ा, बार-बार ये सुनती रहती हूँ मैं उसी कलेजे के टुकड़े को तू, मैया काहे को मिटा देती है। मैं भी तो तेरा ही अंश हूँ माता, फिर क्यों मैं पराई लगती हूँ। भैया को कहती […]
बाइस अगस्त सत्रह का दिन, सखी ऐतिहासिक व नारीत्व का रक्षक हो गया। पिसती हुई एक आबादी की जिन्दगी सँवर गई। पुरातन पुरुषवादी संकीर्ण एक सोच से आज नारी मुक्त हो गई। ईद का त्योहार आज सब हैं मना रहीं। उनके संग हम भी दिवाली मना रहे। नारी तो है […]
कहें क्या बात हम अपनी, हमारी बात ही क्या है। जमाने के सताए हैं, जमाने की कहें क्या हम? बात ही बात में जज्बातों की कुछ बात कहते हैं, जमाना है किसी का न। सभी स्वार्थ के हैं साथी, बेबात कोई भी न मिला। दोस्त तो न मिला कोई, दुश्मन […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।