मुख्यमंत्रीजी

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प्रदेश में चुनाव होने वाले थे । मुख्यमंत्रीजी के स्वभाव में अचानक से बदलाव होने लगा । वे मरखने सांड से सीधे भोली भाली दुधारू गाय बन गये । पिछले पांच साल से वे पुलिस के बल पर राज कर रहे थे । ये तो जनता ही जानती है कि पांच साल कैसे गुजरे…। पत्रकारों, लेखकों की कलमों को पुलिसिया मुकदमों से कैसे तोड़ा गया था, ये कलमकार ही जानते हैं, हां कुछ दरबारी भांड मलाई जरूर चाटते रहे ।

मुख्यमंत्री जी ने अपने पालतू चमचों से सीधे संपर्क करना शुरू कर दिया । अपने खास गुंडों, पुलिस अधिकारियों, व्यापारियों, राजनीतिक लोगों व भटके युवा बेरोजगार छात्रों, दल बदलू नेताओं की आवभगत में सरकारी पैसा पानी की तरह बहाया जाने लगा ।

लेकिन इस दामादी खुशामद में पत्रकारों व लेखकों को कोई न्योता नहीं दिया गया । इस बार पता नहीं क्यों, दरबारी भांडों को भी दरकिनार कर दिया । शायद मुख्यमंत्री जी जान चुके थे कि अब ये कलमकार जाग चुके हैं, ये कलम अब न बेचेंगे ।

मुख्यमंत्री जी का निजी सचिव विपक्षी पार्टी के मुखिया से संपर्क साधने में लग गया, क्योंकि इस बार मुख्यमंत्री जी जाने वाले थे । आखिर लट्ठ के बल पर राज कितने दिनों तक किया जा सकता है ।

  • मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

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Mon Jun 14 , 2021
न मोती मिले न ख्वाब मिले, रेत की नदी में सदफ़ के सपने। हकीकत की धूप आंख में सपने , हदबंदी बाहर शग़फ़ के सपने। तेज़ हवा दिल पर खींचे कमान, सय्यारे सभी तरफ़ के सपने। बरसों के गम घूंटू दयार में, ज़िंदगी बनी कलफ़ के सपने । आंख है […]

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।