मैंने ओढ़ी चुनर पिया नाम हो गई मगन मैं तो आज । लाल लाल चुनर में हीरे जड़वाए गोटा लगवाया झालर दार मैंने ओढ़ी चुनर पिया नाम … चम चम चमके चुनर मेरी छम छम बाजे पायल मेरी झूमू मगन होकर आज मैंने ओढ़ी चुनर पिया नाम …. लाल लाल […]

कुछ अँधेरों के साथ रहती हूँ यूँ उजालों की बात कहती हूँ बनके “माही” में ज्वार भाटा भी इस समन्दर के साथ बहती हूँ 2)- पर्त दर पर्त जब भी खुली हूँ मैं आँसुओं से सदा ही धुली हूँ मैं रुख़ बदल डालूँगी इन हवाओं का आज इस बात पर […]

मुझसे बोले एक सज्जन कि तुम रुक -रुक कर क्यों बोलते हो? क्या हकलाते हो? मैंने कहा – तुम भी कहो रुक-रुक कर, गर विरामों को जानते हो…. विरामों को जानना होता है, पहचानना होता है, उसकी तह में उतरना होता है फिर निकलना होता है। विरामों का ‘संप्रेषण’ नहीं […]

देखो जरा हथेली अपनी, उसमें हल्की-सी लकीर हमारी भी…॥ मत होना परेशान कभी, मेरी किस्मत की लकीरों में नाम तुम्हारा शामिल है…॥ देखो जरा हथेली अपनी, उसमें बसी तकदीर हमारी। मिलना-बिछड़ना खोना-पाना, यह खेल बेशक नियति का इसी नियति में चुना तुझको, देखो मेरी किस्मत में॥ कितनी भी हम कोशिश […]

किशोरवय के पड़ाव पर पाँव रखती मासूम रजस्वला बेटियाँ मासिक धर्म के जैविक परिवर्तन से यकायक अकस्मात् सयानी हो जाती है,और शारीरिक बदलाव को सहज स्वीकार नहीं कर पाती हैं। मानसिक व शारीरिक संघर्ष की इन चुनौतियों में हर मां का ये दायित्व बनता है कि,बच्चियों से दोस्ताना व्यवहार कर […]

किसी के पांव पे गिर जाने से, अपमान मत करना। स्वाभिमान है उसका, जो तेरे पास झुका है। मान उसका कर ले, थोड़ा ध्यान उसका कर ले। सारे विषाद मिट जाएंगे, स्नेह सुधा रस बरसेंगे। नेह स्नेह का बंधन होगा, तेरे माथे चंदन होगा। यह नूतन अभिनंदन होगा, रिश्तों का […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।