एक पेड़ हमने है देखा खिंची हुई सी लक्ष्मण रेखा हरियाली का चोला डाले पचा प्रदूषण हमको पाले। उसके नीचे पन्थी गाएं ऊपर पक्षी नीड़ बनाएं चहचहाहट दिनभर गूंजे रात सन्नाटा मधुर बनाएं। ईश्वर का अनोखा दूत हम सबका जीवन दाता जन्म पाया दूसरों के लिए अपने फल नहीं […]

01ः- राज का रंग चढ़कर बोलता होली के संग। 02ः- घुल गए हैं लाल पीले नीले भी इस होली में। 03ः- पर्व बनते संस्कृति के दूत हमारे यहां। 04 – साफ-सफाई मिलन की ऋतु सी होली आई। 05ः- भेद मिटा के प््रोम रंग घोलने होली है आती। #शशांक मिश्र परिचय:शशांक […]

बदला मौसम धूप है भायी वर्षा गई ऋतु जाड़े की आई। सुबह को घना कोहरा छाता, ठण्ड का मौसम दांत बजवाता। मफलर-स्वेटर की हो बात, दिन छोटे से बड़ी है रात। मच्छर-मक्खी छुप गए बिल में, भा गई रजाई सबके दिल में। घूप सुहानी अब लगती है, चाट-पकौड़ों की मस्ती […]

देश के एक राज्य में परिवारवादी दल को चुनाव के समय अपनी कुर्सी कैसे बचे,इसकी चिन्ता हुईl पहले परिवारिक बरतन यात्रा निकाली,परिणाम `ढाक के तीन पात`। आवाजें रात-दिन ठन-ठन-ठन। मन-मस्तिष्क पर बल पड़े। एकान्त में मिले,पटकथा लिखी। अगले दिन नाटक मंचित हुआ। एक ने एक समुदाय,दूसरे ने एक समूह को […]

प्रकाश पर्व का अभिनन्दन, सबका ज्योतिर्मय हो अंतर्मन। हम सब मिलकर दीप जलाएं, इस धरा से अंधेरा दूर भगाएं। शुद्ध करें निज मन मन्दिर को, छोड़ें व्याप्त क्रोध-अनल को त्यागें मन से लालच-विष को। विश्वात्म बनें! आत्म मिटाकर, परमात्म बनें! `मैं` को त्यागकर। ज्योति पर्व की इस बेला में, मन […]

(काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हो रही घटना पर) क्या यही अब नीति होगी, देश और इस काल की। वह धरा साक्षी बनेगी, जहाँ भक्ति होती महाकाल की। है बेटियाँ यदि मान तो, क्यों हुआ यह अपमान है। सिसकियाँ अनसुनी रही, आखिर ये कौन-सा सम्मान है? चलाना चाहिए घन, जिन पापियों […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।