साज़िशें बनती रही मुझको मिटाने की, मैं इनायतें समझती रही ज़माने की, रखती हूं हौंसला आसमान  को छूने का, परवाह नहीं करती ज़मीन पर गिर जाने की, तज़ुर्बे से गिन लेती हूँ उड़ती चिड़िया के पर, आदत नहीं मुझे हवा में तीर चलाने की, उठती रही मैं  हरबार ज़िंदादिली के […]

हिंदी मेरी शान है, मान है, पहचान है, हर हिन्दुस्तानी हो हिंदी भाषी, मेरा यह अरमान है। इस धरा का कण कण बोले, मेरी प्यारी भाषा को, अखिल विश्व में मान पाए यह,पंख लगे इस आशा को। अमृत पान किया मानो,हिंदी ने पाई अमरता है, करता प्रेम हिंदी से जो,सूर्य […]

अब तो अम्बर पर भी गुफ़्तुगू छिड़ गई, नीचे बस्तियों में अब वो बात नहीं॥ सुनकर ये दुखड़ा तितलियाँ भी कह रही, जाने क्यूँ मोहल्ले की गलियां सूनी है पड़ी॥ साइकल के पुराने पहियों की दास्ताँ, न जाने क्यूँ सुनसान पड़े है सब मैदां। वो कंचे,वो लंगड़ी,उस मिटटी से मिला […]

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जाग उठा ह्रदय मन, खिल उठा अंतःकरण… रोम-रोम में रास हुआ, इस बार तुमने बहुत #गहरा छुआ…। ह्रदय छुअन का एहसास है, अंतरमन का ये विलाप है… मोह का मोह से मिलाप हुआ, हवाओं में हो कोई#तिलिस्म धुँआ…। दूर हो पर मन के पास हो, तुम#क्षितिज पर अम्बर-धरती का मिलाप […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।