ये जग अजीब जहाँ पर होती सबकी अलग जिन्दगी तथापि समाहित रिश्ते-नातों का जाल खट्टी मीठी यादें आगे बढ़ाती कहानी को हरेक सिरे में।                                                     […]

नाहक तू शोक मनाय,डरता तू अकारन। आत्मा अजर अमर बंधु,कौन सकता मारन ? जो होता अच्छा होता,मत कर तू संताप। खोखला कर दे मनुवा,भूत का पश्चाताप॥ क्या खो दिया जो लाया,किस बात का विलाप। यहीं लेकर दिया तूने,कर भगवन का जाप॥ मुट्ठी बंद कर आया तू,जाना खाली हाथ। आज तुम्हारे […]

अन्याय जब हद से बढ़ जाए, बेईमानी सर पे चढ़ जाए। समाज में निज मान पाने को, जो अपने हक पे लड़ जाए। आज है जिसकी आवश्यकता, वो है,वो है कानूनी साक्षरता॥ न्याय सभी के लिए,चाहे अज्ञानी निर्धन, बिन इसके कैसे ? हो सुरक्षित जनजीवन। सही न्याय मिले,शीघ्र न्याय मिले, […]

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सूरज है आग का गोला, जलता है ,बनकर शोला। किरणों में है,पराबैंगनी, सबके लिए,घातक बनी॥ धन्यभाग,हम मानव का, जो कवच है इस धरा का। ओज़ोन परत वो कहलाए, घातक किरणें आ न पाए॥ आज छेद होने का है डर, भोग विलास का है असर। एसी,फ्रिज,उर्वरक से रिसे, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन गैसें॥ […]

जाग रे मनुवा जाग रे, खोल दे नैनन पट को। अंतर्मन में बसे प्रति क्षण, काहे ढूंडे घट-घट को॥ मान रे मनुवा जान रे, छोड़ तू धर्म झंझट को। इंसानियत जगा ले तू ,कुछ न जाए मरघट को॥ चल बढ़ा कदम अपना,प्रकाश की तलाश कर। स्वविवेक से दीप जला,अज्ञानता का […]

कौन कहता है? हमने नाता तोड़ लिया जंगल से, क्या हमें नहीं पता कि, जंगल में मंगल होता है। बेशक! हमारे स्वभाव से न झलके, अपनी जंगलियत। पर कई बार उजागर किए, कर्मों से पशुता की निशानी। जंगल का राजा जो भी हो, पर आज हमारी ही हुकूमत है। आखिर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।