सूरज है आग का गोला, जलता है ,बनकर शोला। किरणों में है,पराबैंगनी, सबके लिए,घातक बनी॥ धन्यभाग,हम मानव का, जो कवच है इस धरा का। ओज़ोन परत वो कहलाए, घातक किरणें आ न पाए॥ आज छेद होने का है डर, भोग विलास का है असर। एसी,फ्रिज,उर्वरक से रिसे, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन गैसें॥ […]