राष्ट्र गौरव बेटे अभिनंदन भारत माता लगा रही चंदन लाल तेरा वंदन|| रण बाँकुरा अभिनंदन आया नभ में छाया राष्ट्र का पराक्रम खुशियाँ संग लाया|| सु-स्वागतम भारतीय सपूत सेना का शौर्य राष्ट्र करे वंदन आओ अभिनंदन|| धन्य है पिता धन्य माता की कोख धन्य है राखी धन्य हुआ सिंदूर धन्य […]

देखो कोहरा छाया है। प्रेम सन्देसा आया है॥ धुंध छाई मन आंगन। तन भी तो भरमाया है॥ तुम आओ तो बात बने कुहासा क्यों सजाया है॥ ये मौसम क्यूँ सुहाना है। घूँघट में कौन शर्माया है॥ खामोशी में ये कैसा शोर। शायद दिल चटकाया है॥ रातों की अब क्या तलब। […]

सच की राह कहाँ आसान होती है, खुदी इसमें अपनी कुर्बान होती है। जलाना पड़ता है दिल ओरों के लिए, दफन इसमें अपनी पहचान होती है। अपने भी होते हैं खिलाफ़ कभी, फीकी उनकी भी कभी मुस्कान होती है। मुश्किलें होती हैं लाखों राहों में लेकिन, मुश्किलों में ही सच […]

( सशत्र सेना ध्वज दिवस पर विशेष) राष्ट्रीय ध्वज शौर्य शांति साहस, तीन रंगों में राष्ट्र प्रेम सन्देश सेना को नमन है। मैं गीत लिखूं पर कैसे लिखूंगा, मन के भाव कागज़ पर लहू के रंग में रँगे हैं। गौरी के गाल सियासत की चाल जैसे लगते, पायल लगे जैसे ज़ंजीर […]

अनुसुईया की कठिन परीक्षा, त्रिदेव ने ली पालने में सुला दी थी पुरुष प्रधानता। अग्नि परीक्षा सीताजी ने दी थी, पुरषोत्तम रामजी कहलाए पुरुष प्रधानता। हर युग में दांव पर लगी है, नारी अस्मिता पांचाली लाचार थी, पुरुष प्रधानता। कलयुग में हर कदम पर, नारी परीक्षा भोग की वस्तु बनी, […]

शिक्षक हूँ,कई मुसीबतों से लड़ता हूँ, बच्चों के सुनहरे सपनों को गढ़ता हूँ। लेकर आए हैं बच्चे,मेरे पास कुछ आशा, जानते नहीं अपने,भावी जीवन की भाषा उनकी मूक भाषा को,समझता हूँ,पढ़ता हूँ, बच्चों के सुनहरे,सपनों को गढ़ता हूँ। शिक्षक हूँ….॥ मूल कर्म करने से,कई बार रोका जाता है, गैर शैक्षणिक […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।